क्या पीएम मोदी का कनाडा दौरा भारत और कनाडा के लिए सकारात्मक है?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी का कनाडा दौरा दोनों देशों के लिए सकारात्मक होगा।
- आईटी पेशेवर रोहन सांखे का मानना है कि यह यात्रा भारत और कनाडा के संबंधों को मजबूत करेगी।
- कनाडा में भारतीय मूल के लोग अपने देश के विकास पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
- दोनों देशों के बीच पिछले दो-तीन वर्षों में आप्रवासन बढ़ा है।
- भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
नई दिल्ली, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को तीन दिवसीय आधिकारिक विदेश यात्रा पर निकल पड़े हैं। इस यात्रा में वह कनाडा भी जाएंगे। उनकी इस यात्रा से कनाडा में निवास कर रहे भारतीय मूल के नागरिकों में उत्साह का माहौल है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने जी7 शिखर सम्मेलन के लिए उन्हें आमंत्रित किया है। आईटी पेशेवर रोहन सांखे ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इसके परिणाम दोनों देशों के लिए सकारात्मक रहेंगे।
रोहन सांखे ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मैं पीएम मोदी की यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित हूं। पिछले दस वर्षों में भारत ने जिस तरह की प्रगति की है, उसने भारत को आर्थिक और अन्य क्षेत्रों में चौथी सबसे बड़ी वैश्विक शक्ति बना दिया है। यही कारण है कि हर कोई भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है और इसी वजह से मार्क कार्नी ने मोदी जी को आमंत्रित किया है। यह एक सकारात्मक पहल है।"
उन्होंने कहा कि भारतीय मूल के लोग अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं और इसलिए वह चाहते हैं कि भारत और कनाडा के संबंध मजबूत बने रहें। यह कनाडा के लिए एक सुनहरा अवसर है। कनाडा के नए नेतृत्व का दृष्टिकोण बहुत विचारशील और समझदारी वाला है। दोनों देशों का भविष्य संयुक्त रूप से आगे बढ़ेगा। जब हम यहां के लोगों से भारत के विकास की चर्चा करते हैं, तो कभी-कभी वे पूछते हैं कि अगर भारत में इतना विकास हो रहा है तो वे कनाडा में क्यों हैं। इस पर हम बताते हैं कि यह विकास पहले नहीं था। पिछले 10 वर्षों में भारत जिस रफ्तार से आगे बढ़ा है, उसे पीएम मोदी के नेतृत्व का श्रेय जाता है।
रोहन सांखे ने कहा, "मेरा मानना है कि यहां नेतृत्व में बदलाव ने कनाडा को अतीत को भुलाकर नए सिरे से रिश्तों की शुरुआत करने का एक शानदार अवसर दिया है। कनाडा के नए नेतृत्व द्वारा अपनाया गया दृष्टिकोण अत्यंत विचारशील और परिपक्व है। साथ ही, भारत ने भी गरिमा के साथ प्रतिक्रिया दी है।"
अलबर्टा प्रांत के विधानमंडल में कैलगरी-फाल्कनरिज के पूर्व विधायक देविंदर तूर ने भारत-कनाडा संबंधों पर कहा, "दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध हैं, हालाँकि बीच में कुछ उतार-चढ़ाव भी आए हैं। पिछले दो-तीन वर्षों के रिकॉर्ड में देखा जाए तो कनाडा के इतिहास में भारत से सबसे ज्यादा आप्रवासन हुआ है। जी-7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के राष्ट्रपति, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैक्सिको के राष्ट्रपति को मेहमान के तौर पर आमंत्रित किया है।" उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इस कारण पूरी दुनिया की नजर अब भारत पर है।
यह उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी 14 से 16 जून को साइप्रस का दौरा करेंगे। वह 16-17 जून को कनानास्किस में जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा जाएंगे और अंततः 18 जून को क्रोएशिया की आधिकारिक यात्रा के साथ अपनी पांच दिवसीय यात्रा का समापन करेंगे।