क्या प्रशांत किशोर ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री पर रिश्वत के आरोप लगाए?

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क्या प्रशांत किशोर ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री पर रिश्वत के आरोप लगाए?

सारांश

प्रशांत किशोर ने बिहार भाजपा को कटघरे में खड़ा किया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर रिश्वत लेकर फ्लैट खरीदने का आरोप है। साथ ही, एंबुलेंस खरीद में अनियमितताओं का भी जिक्र किया है। यह मामला बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है।

Key Takeaways

  • भ्रष्टाचार के आरोप बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला सकते हैं।
  • रिश्वत की राशि 25 लाख रुपये है।
  • फ्लैट की खरीद में दिलीप जायसवाल का नाम भी शामिल है।
  • एंबुलेंस खरीद में अनियमितताओं की जांच आवश्यक है।
  • इस मामले का परिणाम बिहार की राजनीति पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।

पटना, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बिहार की भाजपा को फिर से कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने शुक्रवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर दिलीप जायसवाल से 25 लाख रुपये की रिश्वत लेकर दिल्ली के द्वारका में एक फ्लैट खरीदने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री पर एंबुलेंस खरीद में भी गड़बड़ी करने के आरोप लगाए हैं।

पटना में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान प्रशांत किशोर ने यह दावा किया कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से 2019 में 25 लाख रुपये की रिश्वत प्राप्त की थी। इस राशि का उपयोग करते हुए उन्होंने पत्नी के नाम पर दिल्ली के द्वारका में एक फ्लैट खरीदा। इसके बदले में जायसवाल के किशनगंज स्थित मेडिकल कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया। उन्होंने कहा कि जब कोरोना के समय बिहार के लोग दवा और ऑक्सीजन के लिए तरस रहे थे, तब स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली में फ्लैट खरीदने में व्यस्त थे।

प्रशांत किशोर ने कहा कि दिल्ली के द्वारका में स्वास्थ्य मंत्री ने 86 लाख में यह फ्लैट अपनी पत्नी उर्मिला पांडेय के नाम पर खरीदा है, जिसमें दिलीप जायसवाल गवाह के रूप में शामिल थे। उन्होंने बताया कि 6 अगस्त 2019 को 25 लाख रुपये दिलीप जायसवाल के बैंक खाते से मंगल पांडेय के पिता अवधेश पांडेय के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। लगभग 10 दिन बाद, अवधेश पांडेय ने यह राशि अपनी बहू के खाते में स्थानांतरित की।

उन्होंने आगे कहा कि यदि मंगल पांडेय ने दिलीप जायसवाल से ऋण लिया होता, तो इसका उल्लेख 2020 में एफिडेविट में होना चाहिए था। इसके साथ ही एंबुलेंस खरीद में भी अनियमितताओं के आरोप लगाए गए। उन्होंने कहा कि बिहार में एंबुलेंस अधिक कीमत पर खरीदी गई हैं। फरवरी 2022 में बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने 200 करोड़ रुपये में 1250 एंबुलेंस खरीदने के लिए टेंडर जारी किया था। कुल 466 टाइप सी एंबुलेंस को बिहार सरकार ने खरीदा, जिसमें एंबुलेंस की कीमत उस समय 19.58 लाख 257 रुपये थी। अब इस साल 22 अप्रैल को प्रति एंबुलेंस 28 लाख 47 हजार 580 रुपये की कीमत से एंबुलेंस खरीदी गई।

प्रशांत किशोर ने यह भी आरोप लगाया कि टाटा मोटर्स को तकनीकी तौर पर टेंडर से हटा दिया गया। इस बीच, प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी के कर्नाटक में 'वोट चोरी' के मामले पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का मामला एसआईआर का नहीं है और चुनाव आयोग को इस मामले में जांच करनी चाहिए।

Point of View

बल्कि पूरे देश की राजनीति पर असर डाल सकता है।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

प्रशांत किशोर ने किस पर आरोप लगाए हैं?
प्रशांत किशोर ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर रिश्वत लेकर फ्लैट खरीदने का आरोप लगाया है।
रिश्वत की राशि क्या थी?
आरोप के अनुसार, मंगल पांडेय ने 25 लाख रुपये की रिश्वत ली।
फ्लैट किसके नाम पर खरीदा गया था?
फ्लैट को मंगल पांडेय ने अपनी पत्नी उर्मिला पांडेय के नाम पर खरीदा।
क्या एंबुलेंस खरीद में गड़बड़ी की गई है?
हाँ, प्रशांत किशोर ने एंबुलेंस खरीद में अनियमितता का आरोप लगाया है।
इस मामले में क्या जांच होनी चाहिए?
चुनाव आयोग को इस मामले की जांच करनी चाहिए और सार्वजनिक सफाई देनी चाहिए।