क्या पंजाब सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए नई पॉलिसी लाई है?

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब सरकार ने नई मानसिक स्वास्थ्य नीति का शुभारंभ किया है।
- मोहल्ला क्लीनिकों और स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण किए जाएंगे।
- नीति का उद्देश्य डिप्रेशन और मानसिक विकारों को कम करना है।
- सामाजिक कार्यशालाएँ मानसिक तनाव को कम करने में मदद करेंगी।
- 18,000 से अधिक युवाओं ने नशा मुक्ति केंद्रों के माध्यम से नशा छोड़ा है।
चंडीगढ़, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने लोगों में बढ़ते मानसिक विकार और डिप्रेशन के समाधान के लिए एक नई नीति प्रस्तुत की है। पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने 'विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस' के अवसर पर चंडीगढ़ के सेक्टर-3 स्थित पंजाब भवन में पंजाब राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति का उद्घाटन किया।
मीडिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि एक राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि पंजाब में लोग दशकों से बाढ़ और सीमा पर तनाव में काम कर रहे हैं।
इससे मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता और बढ़ जाती है। शारीरिक समस्याओं का इलाज किया जा सकता है, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। एक ओर जहाँ पंजाब बाढ़ की मार झेल रहा है, वहीं दूसरी ओर सीमा पार से और अन्य राज्यों से नशीले पदार्थ आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मोहल्ला क्लीनिकों और स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। मानसिक तनाव को कम करने के लिए समय-समय पर कार्यशालाएँ भी आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (एसएमओ) को मानसिक स्वास्थ्य उपचार का प्रशिक्षण दिया गया है। पांच क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किए गए हैं जहाँ एसएमओ डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। "ड्रग्स के विरुद्ध युद्ध" अभियान के तहत, 18,000 से अधिक युवाओं ने नशा मुक्ति केंद्रों के माध्यम से नशा छोड़ा है।
निजी मनोचिकित्सक प्रतिदिन दो घंटे सेवाएँ प्रदान करेंगे। यह सभी कार्य गैर-सरकारी संगठनों और आईसीएमआर के सहयोग से किया जा रहा है। कलाकारों से नशीली दवाओं के दुरुपयोग को बढ़ावा देने वाले गीत न गाने का आग्रह भी किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर शोध जारी है। कार्डियक अरेस्ट के कारणों की जांच पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पंजाब में 45 औषधि निरीक्षक हैं और कोई भी पद रिक्त नहीं है। औषधि निरीक्षकों को सर्दी-जुकाम की दवाओं की बिक्री की जांच के निर्देश भी दिए गए हैं।
ज्ञात हो कि हर साल 10 अक्टूबर को पूरी दुनिया में ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ (वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे) मनाया जाता है। इस बार की थीम ‘आपदा या आपातकाल की स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच’ है।