क्या आप जानते हैं साईं बाबा के 107वें पुण्यतिथि महोत्सव की भव्य शुरुआत?

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क्या आप जानते हैं साईं बाबा के 107वें पुण्यतिथि महोत्सव की भव्य शुरुआत?

सारांश

शिरडी में साईं बाबा की 107वीं पुण्यतिथि महोत्सव की भव्य शुरुआत हुई। यह चार दिवसीय उत्सव श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, जहां भक्तों के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जानिए इस भव्य आयोजन की खासियतें।

Key Takeaways

  • साईं बाबा की 107वीं पुण्यतिथि का महोत्सव शिरडी में मनाया जा रहा है।
  • उत्सव की शुरुआत काकड़ आरती से हुई।
  • श्रद्धालुओं के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
  • समाधि मंदिर में दर्शन के लिए लंबी कतारें हैं।
  • महोत्सव चार दिनों तक चलेगा, जिसमें भव्य पालखी यात्रा होगी।

शिरडी, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। साईं बाबा की 107वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में शिरडी में चार दिवसीय महोत्सव का भव्य आगाज़ एक अक्टूबर को हुआ। 15 अक्टूबर 1918 को विजयादशमी के दिन साईं बाबा ने महासमाधि प्राप्त की थी, और तभी से हर वर्ष यह दिन श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट द्वारा ‘पुण्यतिथि महोत्सव’ के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष का उत्सव सुबह काकड़ आरती के साथ प्रारंभ हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

उत्सव के पहले दिन शिरडी में भक्तिमय वातावरण का अनुभव किया गया। साईं बाबा की प्रतिमा, वीणा, और पोथी के साथ ढोल-ताशों की गूंज में एक भव्य जुलूस निकाला गया। इस जुलूस में श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट के सीईओ गोरक्ष गाडिलकर, प्रशासकीय अधिकारी, और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। समाधि मंदिर और परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजाया गया है।

विशेष रूप से गेट नंबर चार पर बनाए गए आकर्षक स्वागत कमान श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। महोत्सव में हजारों की संख्या में साईं भक्त शिर्डी पहुंचे हैं। समाधि मंदिर में दर्शन के लिए लंबी कतारें देखी जा रही हैं। श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं, जिसमें सुविधा केंद्र और सख्त सुरक्षा प्रबंध शामिल हैं। मंदिर परिसर में आध्यात्मिक वातावरण और सजावट भक्तों को एक अनूठा अनुभव प्रदान कर रहे हैं।

साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट के सीईओ गोरक्ष गाडिलकर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि उत्सव का प्रारंभ आज सुबह काकड़ आरती के साथ हुआ, जिससे हमें अपार खुशी मिली। दशहरे के दिन बाबा की आराधना विधि और भिक्षा झोली समारोह का आयोजन होगा, जो एक महान आशीर्वाद माना जाता है। यह उत्सव श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति का प्रतीक है। बाबा का पुण्यतिथि महोत्सव चार दिनों तक चलेगा, जिसमें भव्य पालखी यात्रा का आयोजन किया जाएगा।

भक्तों के लिए आध्यात्मिक भजनों और प्रवचनों का आयोजन किया जाएगा। उत्सव के दौरान रथ यात्रा का विशेष आयोजन भी होगा। अंतिम दिन समाधि मंदिर में विशेष पूजा, आरती, और महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। संस्थान ने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे शांति, अनुशासन, और श्रद्धा के साथ इस महोत्सव में भाग लें।

ट्रस्ट ने यह भी सुनिश्चित किया है कि श्रद्धालुओं को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। बाबा की पुण्यतिथि केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि श्रद्धा, समर्पण, और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। यह उत्सव शिर्डी वासियों और साईं भक्तों के लिए एक ऐसा अवसर है जो उन्हें बाबा की शिक्षाओं और उनके प्रेम व करुणा के संदेश को आत्मसात करने का मौका देता है।

Point of View

बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक भी है। इस महोत्सव में शामिल होना भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव है, जो उन्हें साईं बाबा की शिक्षाओं के करीब लाता है।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

साईं बाबा की पुण्यतिथि कब मनाई जाती है?
साईं बाबा की पुण्यतिथि हर साल 15 अक्टूबर को मनाई जाती है।
इस वर्ष का महोत्सव कब शुरू हुआ?
इस वर्ष का महोत्सव 1 अक्टूबर को शुरू हुआ।
महोत्सव के दौरान कौन-कौन से कार्यक्रम होंगे?
महोत्सव के दौरान आरती, भजन, रथ यात्रा और विशेष पूजा का आयोजन होगा।
क्या इस महोत्सव में भाग लेना आवश्यक है?
जी हाँ, यह महोत्सव भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है, इसलिए भाग लेना आवश्यक है।
शिर्डी में साईं बाबा की पूजा कैसे की जाती है?
शिर्डी में साईं बाबा की पूजा विशेष विधियों से की जाती है, जिसमें आरती और भजन शामिल होते हैं।