क्या बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर के घर पर हमला निंदनीय नहीं है? सपना चौधरी की राय

सारांश
Key Takeaways
- रवींद्रनाथ टैगोर के घर पर हुआ हमला हमारी सांस्कृतिक धरोहर पर हमला है।
- सपना चौधरी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है।
- हमें एकजुट होकर ऐसी घटनाओं का विरोध करना चाहिए।
- यह घटना बांग्लादेश के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित कर सकती है।
- राजनीतिक प्रदर्शनों के माध्यम से विरोध प्रकट किया जा रहा है।
नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के निवास पर हुई तोड़फोड़ की घटना पर हरियाणवी नृत्यांगना और अभिनेत्री सपना चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इससे उन्हें गहरा दुख हुआ है।
सपना चौधरी ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "जब कोई हमारी सांस्कृतिक धरोहर को हानि पहुंचाता है, तो यह वास्तव में चिंता का विषय है। यह अत्यंत निंदनीय है और मुझे इस घटना से गहरा दुख है। मैं चाहती हूं कि रवींद्रनाथ टैगोर के घर में हुई तोड़फोड़ के मामले में सख्त कार्रवाई की जाए।"
सपना चौधरी से बांग्लादेश की स्थिति पर भी सवाल किया गया। उन्होंने उत्तर दिया, "भारत की सबसे सुंदर बात यह है कि यहां न तो कोई हिंदू है न मुसलमान। न ही बंगाली है और न गुजराती, क्योंकि हम मानवता का गुणगान करते हैं। भारत में सभी के बीच प्रेम का गहरा संबंध है। मैं एक भारतीय हूं और मुझे बांग्लादेश के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।"
बांग्लादेश में भारत रत्न और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक निवास पर सुनियोजित तरीके से हमला कर तोड़फोड़ की गई है। इस घटना के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर एक महान लेखक हैं, जिन्होंने दो राष्ट्रगान लिखे हैं। एक भारत का और दूसरा बांग्लादेश का। लेकिन, उनके पैतृक घर पर सुनियोजित तरीके से तोड़फोड़ करना केवल एक हमला नहीं है, बल्कि यह बांग्ला संस्कृति और हिंदू संस्कृति पर भी हमला है। 1971 में बांग्लादेश बना, लेकिन आज हम देख रहे हैं कि बांग्लादेश किस दिशा में जा रहा है।