क्या भाजपा को शिवाजी के किलों को विश्व धरोहर घोषित करने पर श्रेय लेने की राजनीति बंद करनी चाहिए?: शिवसेना (यूबीटी)

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क्या भाजपा को शिवाजी के किलों को विश्व धरोहर घोषित करने पर श्रेय लेने की राजनीति बंद करनी चाहिए?: शिवसेना (यूबीटी)

सारांश

मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) ने छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा दिए जाने का स्वागत किया है। हालांकि, भाजपा पर इस फैसले का श्रेय लेने की राजनीति को लेकर तीखा हमला किया है। क्या भाजपा को इस पर जिम्मेदारी निभानी चाहिए?

Key Takeaways

  • शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा मिला है।
  • भाजपा पर श्रेय लेने की राजनीति का आरोप लगाया गया है।
  • शिवसेना (यूबीटी) ने भाजपा को जिम्मेदारी निभाने की सलाह दी है।
  • मराठी की अस्मिता को संरक्षित करने की आवश्यकता है।
  • यदि संरक्षण नहीं हुआ, तो यूनेस्को दर्जा वापस ले सकता है।

मुंबई, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) ने छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिए जाने का स्वागत किया। पार्टी ने इसे महाराष्ट्र और मराठी जनता के लिए गर्व का विषय बताया है। हालांकि, शिवसेना (यूबीटी) ने भाजपा की ओर से इस फैसले का जश्न मनाने के लिए आयोजनों की योजना पर तीखा हमला बोला।

पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा गया कि वह केवल 'जश्न मनाने' के लिए जानी जाती है और सवाल उठाया कि क्या वह शिवाजी महाराज की विरासत और इस विश्व धरोहर दर्जे की रक्षा कर पाएगी।

संपादकीय में कहा गया कि शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की रक्षा के लिए किले बनाए, न कि महल। ये किले स्वराज्य की संपत्ति थे और महाराष्ट्र के इतिहास व संस्कृति में इनका महत्व निर्विवाद है। रायगढ़ किले में शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ और इसे उनकी राजधानी बनाया गया।

संपादकीय में शिवाजी के स्वराज्य के लिए संघर्ष और उनकी वीरता की चर्चा करते हुए कहा गया कि उन्होंने मराठी राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत किया। इसके उलट, भाजपा के शासन में महाराष्ट्र पर 9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बताया गया। सामना में तंज कसते हुए कहा गया कि शिवाजी के समय में पठानकोट, पुलवामा जैसे हमले नहीं हुए, क्योंकि उन्होंने अफजल खान जैसे दुश्मनों को भागने का मौका नहीं दिया।

संपादकीय में भाजपा पर शिवाजी महाराज के नाम पर 'लूट का साम्राज्य' स्थापित करने का आरोप लगाया गया। कहा गया कि आज मराठी भाषा और मराठी लोगों का सम्मान महाराष्ट्र में कम हो रहा है, जबकि शिवाजी की भाषा मराठी को संरक्षित करने की जरूरत है। हाल ही में केंद्र सरकार ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया, लेकिन मराठी अस्मिता के लिए अभी भी आंदोलन चल रहे हैं।

शिवसेना (यूबीटी) ने भाजपा पर शिवाजी की भवानी तलवार के मुद्दे पर भी निशाना साधा। संपादकीय में दावा किया गया कि ब्रिटिश म्यूजियम से लाई गई तलवार असली भवानी तलवार नहीं है और भाजपा ने इसका राजनीतिक उपयोग किया। अब भाजपा नागपुर के राजा मुधोजी की तलवार लाने की बात कर रही है, जिसे शिवसेना ने 'इतिहास पर कब्जा करने की हास्यास्पद कोशिश' करार दिया।

पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन 12 किलों का संरक्षण नहीं किया तो यूनेस्को इनका विश्व धरोहर दर्जा वापस ले सकता है। सामना ने 2012 में पश्चिमी घाट को विश्व धरोहर घोषित करने का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियां, जैसे अलमट्टी बांध की ऊंचाई बढ़ाना और शक्तिपीठ हाइवे का निर्माण, जारी हैं। इससे विश्व धरोहर की रक्षा का संदेश कमजोर होता है।

शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि शिवाजी की विरासत को संरक्षित करना हर मराठी का कर्तव्य है और भाजपा को केवल जश्न मनाने की बजाय इस जिम्मेदारी को निभाना चाहिए।

Point of View

बल्कि यह भी बताता है कि भाजपा को अपनी राजनीतिक उपादेयता के बजाय वास्तविकता से जुड़कर कार्य करना चाहिए। देश के प्रति समान दृष्टिकोण रखना आवश्यक है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल क्या हैं?
यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल वे स्थल हैं जो मानवता के सांस्कृतिक या प्राकृतिक विरासत के रूप में महत्व रखते हैं।
शिवाजी महाराज के किलों का क्या महत्व है?
शिवाजी महाराज के किले महाराष्ट्र के इतिहास और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं, जो उनके स्वराज्य की रक्षा के प्रतीक हैं।