क्या कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार है?

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क्या कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार है?

सारांश

मध्यप्रदेश के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार है। 14 जुलाई को होने वाली इस सुनवाई में मालवीय को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। क्या यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है या नहीं? जानें पूरी खबर।

Key Takeaways

  • हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
  • यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है।
  • मालवीय पर विवादित कार्टून बनाने का आरोप है।
  • हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज की थी।
  • 14 जुलाई को होने वाली सुनवाई में राहत की उम्मीद।

भोपाल, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्यप्रदेश के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति दी है। यह सुनवाई 14 जुलाई को होगी। मालवीय के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भगवान शिव पर बनाए गए एक विवादित कार्टून के कारण मामला दर्ज किया गया था।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे अब मालवीय ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह मामला 2021 में कोविड काल के दौरान बनाए गए एक कार्टून से संबंधित है, जिसे आपत्तिजनक माना गया।

इस वर्ष मई में आरएसएस के एक सदस्य की शिकायत पर मालवीय के खिलाफ केस दर्ज हुआ। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 3 जुलाई को अपने आदेश में कहा कि मालवीय ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया और विवादित कार्टून बनाते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया।

कोर्ट ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का जानबूझकर किया गया कृत्य माना।

हाईकोर्ट के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने कहा, "मालवीय ने आरएसएस, प्रधानमंत्री और भगवान शिव को अपमानजनक तरीके से चित्रित कर संविधान के तहत दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा पार की।" कोर्ट ने उनकी हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता बताते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

मालवीय के वकील वृंदा ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि यह कार्टून व्यंग्यात्मक था। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के मनमानी गिरफ्तारियों के खिलाफ दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया।

दूसरी ओर, सरकार के वकील ने तर्क दिया कि आरएसएस और प्रधानमंत्री को अपमानजनक तरीके से दिखाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में स्वीकार्य नहीं है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि भविष्य में भी वे ऐसा कर सकते हैं। इस वजह से उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया गया। अब सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई को होने वाली सुनवाई में मालवीय को राहत मिलने की उम्मीद है।

Point of View

हमें यह देखना होगा कि क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया गया है या यह केवल व्यंग्यात्मक कला का एक रूप है। यह मामला हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

हेमंत मालवीय कौन हैं?
हेमंत मालवीय एक प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट हैं, जिनके विवादित कार्टून ने उन्हें चर्चा में ला दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कब होगी?
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
मालवीय के खिलाफ आरोप क्या हैं?
मालवीय पर आरएसएस, प्रधानमंत्री मोदी और भगवान शिव के खिलाफ आपत्तिजनक कार्टून बनाने के आरोप हैं।
हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका क्यों खारिज की?
हाईकोर्ट ने कहा कि उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है।
क्या मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी?
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में उन पर राहत मिलने की उम्मीद है।