क्या पीएफआई नेता इस्माइल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी?

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क्या पीएफआई नेता इस्माइल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने पीएफआई नेता ए.एस. इस्माइल की अंतरिम जमानत याचिका पर तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। क्या इस्माइल को जेल में चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी? जानिए इस मामले में क्या हो रहा है और एनआईए की जांच में क्या नया खुलासा हुआ है।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
  • इस्माइल ने चिकित्सा सुविधाओं की मांग की है।
  • एनआईए ने कट्टरपंथी गतिविधियों के आरोप लगाए हैं।
  • दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले उनकी जमानत याचिका खारिज की थी।
  • पीएफआई पर प्रतिबंधित संगठन का आरोप है।

नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के वरिष्ठ नेता ए.एस. इस्माइल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया है। अदालत ने पूछा है कि क्या आरोपी को जेल में फिजियोथेरेपी जैसी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है?

इस्माइल ने बीमारी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने तिहाड़ प्रशासन को निर्देश दिया है कि २७ जून तक रिपोर्ट दाखिल की जाए, जिसके बाद इस मामले में अगली सुनवाई की जाएगी।

इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने इस्माइल की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

ए.एस. इस्माइल को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का आरोप है कि उसने मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर भारत सरकार और लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ भड़काया। वह देश में इस्लामी शासन की स्थापना की विचारधारा को बढ़ावा देता था।

एनआईए के मुताबिक, इस्माइल पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा रहा है। बाद में वह पीएफआई की तमिलनाडु इकाई का अध्यक्ष बना और फिर राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद का सदस्य भी रहा।

पीएफआई देश में प्रतिबंधित संगठन है। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ कि संगठन ने कथित तौर पर केरल में ९५० लोगों की हिट लिस्ट तैयार की थी। बुधवार को मीडिया में आई तथाकथित लिस्ट में सेवानिवृत्त हो चुके एक जिला न्यायाधीश का भी नाम शामिल है।

इस महीने की शुरुआत में एनआईए ने विशेष अदालत में लिस्ट सौंपी थी। संयोग से उसी दिन आरएसएस नेता श्रीनिवासन की हत्या के मामले में चार आरोपियों की जमानत याचिका पर अदालत में सुनवाई हुई थी। एनआईए ने इन आरोपियों की जमानत का विरोध किया था।

एनआईए ने जांच के दौरान अलग-अलग जगहों से पुष्ट इनपुट मिलने के बाद लिस्ट को तैयार किया। इसमें ५१वें आरोपी सिराजुदीन से जब्त आठ दस्तावेज शामिल हैं, जिसमें अन्य समुदायों के २४० लोगों की सूची है। एनआईए को १५वें आरोपी अब्दुल वहाद के पर्स से लक्षित व्यक्तियों का विवरण प्राप्त हुआ।

फिर, एक जांच करते हुए अलुवा के पेरियार वैली कैंपस में की गई तलाशी में एनआईए को १५वें आरोपी अब्दुल वहाद के पर्स से लक्षित व्यक्तियों का विवरण प्राप्त करने में सफलता मिली, जो वर्तमान में फरार है। बाद में सरकारी गवाह बन चुके एक आरोपी से जब्त एक अन्य दस्तावेज में २३२ लोगों के नामों वाली हिट लिस्ट थी। इसी तरह ६९वें आरोपी अयूब के घर की तलाशी में करीब ५०० लोगों के नामों वाली हिट लिस्ट मिली।

Point of View

यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ में भी गहरा प्रभाव डालेगा। अदालत की कार्रवाई और जांच एजेंसियों की भूमिका पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

पीएफआई नेता ए.एस. इस्माइल की अंतरिम जमानत याचिका पर क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
क्या इस्माइल को जेल में चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी?
अदालत ने पूछा है कि क्या आरोपी को जेल में फिजियोथेरेपी जैसी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है।
इस्माइल को किस आरोप में गिरफ्तार किया गया था?
उन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।