क्या ट्रंप की ठुड्डी ऊंची और शी का संयमित अंदाज दर्शाता है 'अधीर कूटनीति' और 'धैर्य की चाल'?
सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप की ऊंची ठुड्डी आत्मविश्वास का प्रतीक है।
- शी जिनपिंग का संयमित अंदाज धैर्यपूर्ण रणनीति को दर्शाता है।
- तस्वीरें कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- दोनों नेताओं के बीच की दूरी कूटनीतिक संतुलन को दर्शाती है।
- मुलाकात से व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा का संकेत मिलता है।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अंग्रेजी में एक कहावत है, 'एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है', जिसका सीधा मतलब है कि एक तस्वीर में बहुत कुछ छिपा होता है। जैसे कि दक्षिण कोरिया के बुसान में ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात के दौरान खींची गई तस्वीरें!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई इस बहुप्रतीक्षित मुलाकात पर दुनिया की निगाहें थीं। यह ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापसी के बाद दोनों का पहला आमना-सामना था। दोनों की पिछली मुलाकात 2019 में हुई थी।
यह मुलाकात सिर्फ बयानों का आदान-प्रदान नहीं था, बल्कि तस्वीरों और बॉडी लैंग्वेज ने भी इसे खास बना दिया। दोनों नेताओं की तस्वीरें इस बात का संकेत देती हैं कि राजनीति में मुस्कान भी एक रणनीति होती है।
तस्वीरों में, शी जिनपिंग हल्की मुस्कान के साथ दिखे, जबकि ट्रंप ने अपनी ठुड्डी को सामान्य से थोड़ा ऊंचा उठाकर दृढ़ता से हाथ मिलाया। यह वही बॉडी लैंग्वेज है जिसे ट्रंप ने पूर्व में व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग-उन से मुलाकातों में अपनाया था। यह मुद्रा आत्मविश्वास और नियंत्रण का प्रतीक मानी जाती है।
हालांकि, शी जिनपिंग का चेहरा सौम्य था, लेकिन उनके हाथों की स्थिति बेहद संयमित थी। उनका शरीर ट्रंप की ओर मुड़ा हुआ था, जो दर्शाता है कि शी सतर्क और विचारशील थे। वहीं, ट्रंप की पकड़ हमेशा की तरह मजबूत थी, मानो वह नेतृत्व का प्रदर्शन करना चाहते हों।
तस्वीरों में दोनों के बीच की दूरी भी महत्वपूर्ण थी। वे न तो बहुत करीब थे और न ही बहुत दूर। यह एक कूटनीतिक संतुलन का प्रतीक है, जैसा कि ट्रंप ने 2018 में किम जोंग-उन के साथ मुलाकात के दौरान दिखाया था। उस समय, वे मुस्कुराते हुए भी बातचीत में हावी थे, जबकि इस बार, शी जिनपिंग के सामने उनका चेहरा कुछ अधिक गंभीर था।
यदि हम ओबामा और शी जिनपिंग की पिछली मुलाकातों की तुलना करें, तो स्पष्ट अंतर नजर आता है। ओबामा हमेशा खुले हाथों और सहज हावभाव में संवाद करते थे, जिससे समानता का अनुभव होता था। इसके विपरीत, ट्रंप का तरीका एक डील मेकर जैसा है, जिसमें हर हावभाव किसी बोर्डरूम नेगोशिएशन की तरह रणनीति से भरा होता है।
ट्रंप की सामने देखने और कंधे पीछे रखने की मुद्रा उनके नेतृत्व के आक्रामक आत्मविश्वास को दर्शाती है, वही अंदाज जो उन्होंने पुतिन और बाइडन दोनों के सामने अपनाया था। दूसरी ओर, शी की शांत और स्थिर मुस्कान दर्शाती है कि वह अधीर कूटनीति की बजाय धैर्यपूर्ण चालों में विश्वास रखते हैं।
इन तस्वीरों में दोनों की निगाहें केवल दो देशों की राजनीति का नहीं, बल्कि दो अलग-अलग शैलियों की शक्ति का प्रतीक बन गई हैं। एक ओर व्यापारिक मोलभाव की अमेरिकी मुद्रा नजर आई, जबकि दूसरी ओर रणनीतिक धैर्य की चीनी चाल।