क्या यूपी में आपदा प्रबंधन को और अधिक पुख्ता करने की योजना बना रही है योगी सरकार?

Click to start listening
क्या यूपी में आपदा प्रबंधन को और अधिक पुख्ता करने की योजना बना रही है योगी सरकार?

सारांश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व में, यूपी सरकार आपदा प्रबंधन को और अधिक मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। यह प्रयास न केवल आपदा से प्रभावित लोगों को बेहतर सहायता प्रदान करेगा, बल्कि राज्य को आपदा प्रबंधन में भी अग्रणी बनाएगा। जानें इस संदर्भ में सरकार की नई योजनाएँ और प्रस्ताव।

Key Takeaways

  • योगी सरकार ने आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
  • राज्य आपदा राहत कोष में प्रस्तावित बदलाव त्वरित सहायता प्रदान करेंगे।
  • अधिसूचित आपदाओं की सूची में नए घटनाएँ शामिल की जाएंगी।
  • आपदा प्रबंधन अधिनियम में आवश्यक संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं।
  • यह कदम उत्तर प्रदेश को आपदा प्रबंधन में अग्रणी बना सकता है।

लखनऊ, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार आपदा से निपटने की रणनीति को और प्रभावी बनाने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। हाल ही में, सरकार ने 16वें वित्त आयोग के समक्ष आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीएमएफ) के नियमों में भी कई आवश्यक परिवर्तन के प्रस्ताव शामिल हैं, जिससे आपदा प्रभावित लोगों को तुरंत और बेहतर सहायता मिलेगी।

सरकार के प्रस्तावों में राज्य द्वारा अधिसूचित आपदाओं जैसे कि गर्मी की लहर (लू), वज्रपात, असमय बारिश, तूफान, सांप के काटने और डूबने जैसी घटनाओं को राष्ट्रीय आपदा सूची में शामिल करने का सुझाव दिया गया है। योगी सरकार का मानना है कि ये आपदाएं राज्य में बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, वर्ष 2024-25 में राज्य अधिसूचित आपदाओं से 4,534 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि राष्ट्रीय आपदाओं से केवल 176 लोगों की जान गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में सक्रियता दिखाते हुए केंद्र सरकार से इन आपदाओं को गंभीरता से लेने की अपील की है।

इसके अलावा, सरकार ने राज्य अधिसूचित आपदाओं के लिए खर्च की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की मांग की है। यह परिवर्तन इसलिए आवश्यक है क्योंकि राज्य की आपदाएं अधिक लोगों को प्रभावित करती हैं और इनके लिए पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होती है। योगी सरकार ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि कोष के विभिन्न मदों के बीच बजट को आपस में बदला जा सके। इससे यदि किसी एक मद में खर्च न हो, तो उसका उपयोग दूसरी जरूरतों के लिए किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री योगी के इस प्रयास से आपदा प्रबंधन में लचीलापन आएगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा।

योगी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण मांग रखी है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रत्येक जिले में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के लिए भवन निर्माण की अनुमति दी जाए। वर्तमान में, एसडीआरएफ और एसडीएमएफ के नियम इसकी अनुमति नहीं देते। इसके साथ ही, सरकार ने 1 प्रतिशत प्रशासनिक खर्च की अनुमति देने की भी मांग की है, ताकि आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर प्रशासनिक ढांचा तैयार किया जा सके। इन मांगों के पीछे योगी आदित्यनाथ की वह सोच है, जो आपदा प्रबंधन को और अधिक कुशल और जन-केंद्रित बनाने पर केंद्रित है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई सराहनीय कदम उठाए हैं। उनकी सक्रियता और दूरदर्शिता से राज्य में आपदा से निपटने की तैयारियां पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई हैं। इन नई मांगों के लागू होने से उत्तर प्रदेश न केवल आपदा प्रबंधन में अग्रणी बन सकता है, बल्कि लाखों लोगों की जान और माल की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि यूपी सरकार का यह प्रयास आपदा प्रबंधन को और अधिक कुशल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। न केवल यह राज्य को आपदा राहत में बेहतर बनाने में मदद करेगा, बल्कि यह एक प्रेरणादायक उदाहरण भी बनेगा कि कैसे सरकारें अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए ठोस कदम उठा सकती हैं।
NationPress
20/06/2025

Frequently Asked Questions

योगी सरकार का आपदा प्रबंधन के लिए नया प्रस्ताव क्या है?
योगी सरकार ने आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए कई नए प्रस्ताव पेश किए हैं, जिनमें अधिसूचित आपदाओं की सूची में नए घटनाओं को शामिल करना और खर्च की सीमा को बढ़ाना शामिल है।
राज्य आपदा राहत कोष में क्या बदलाव किए जा रहे हैं?
सरकार ने राज्य आपदा राहत कोष के लिए नियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा है, ताकि आपदा प्रभावित लोगों को बेहतर और त्वरित सहायता मिल सके।
क्या यूपी में आपदा प्रबंधन अधिनियम में बदलाव होगा?
हाँ, योगी सरकार ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के लिए भवन निर्माण की अनुमति देने की मांग की है, जो वर्तमान में संभव नहीं है।