क्या अमेरिकी ट्रेड टैरिफ की घोषणा के बाद शेयर बाजार में गिरावट आई?

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा 25 प्रतिशत शुल्क की घोषणा
- भारतीय शेयर बाजार में गिरावट
- निवेशकों के लिए संभावित अवसर
- घरेलू अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना
- विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों की गतिविधियाँ
मुंबई, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा के बाद गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुले।
सुबह 9:27 बजे, सेंसेक्स 487 अंक या 0.60 प्रतिशत की कमी के साथ 80,994 पर और निफ्टी 140 अंक या 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,717 पर था।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली का दबाव देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 457 अंक या 0.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,484 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 100 अंक या 0.55 प्रतिशत की कमी के साथ 18,037 पर था।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "निवेशकों के नजरिए से यह समझना जरूरी है कि अगस्त के मध्य में शुरू होने वाली बातचीत के बाद 25 प्रतिशत टैरिफ कम हो जाएगा। भारत पर लगाया गया टैरिफ अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों में तय दरों से कहीं ज्यादा है।"
यह ट्रंप की रणनीति का हिस्सा है, जिससे भारत से अन्य क्षेत्रों में बेहतर सौदे हासिल किए जाएं और अंततः टैरिफ दर लगभग 20 प्रतिशत या उससे कम हो सकती है।
डॉ. विजयकुमार ने आगे कहा, "निफ्टी के 24,500 के सपोर्ट स्तर से नीचे जाने की संभावना नहीं है। निवेशक घरेलू अर्थव्यवस्था पर केंद्रित सेक्टर्स जैसे प्राइवेट बैंक, दूरसंचार, कैपिटल गुड्स, सीमेंट, होटल और चुनिंदा ऑटो शेयरों (जिन्होंने पहली तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया है) पर ध्यान केंद्रित करते हुए गिरावट पर खरीदारी कर सकते हैं।"
सुबह लगभग सभी मुख्य सूचकांक लाल निशान में थे। ऑटो, एनर्जी, फार्मा, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, रियल्टी और पीएसई में सबसे अधिक गिरावट थी।
सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, भारती एयरटेल, रिलायंस, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टाइटन, एसबीआई, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, ट्रेंट, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे। इटरनल, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, आईटीसी और एचयूएल टॉप गेनर्स रहे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 30 जुलाई को लगातार आठवें सत्र में अपनी बिकवाली का सिलसिला जारी रखा और 850 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने लगातार 18वें सत्र में अपनी खरीदारी की गति बनाए रखी और उसी दिन 1,829 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।