क्या भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक है? अंतर्देशीय उत्पादन 147 लाख टन के स्तर पर पहुंचा: केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन

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क्या भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक है? अंतर्देशीय उत्पादन 147 लाख टन के स्तर पर पहुंचा: केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन

सारांश

भारत ने अंतर्देशीय मछली उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि की है। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने बताया कि 2013-14 से 147 लाख टन तक पहुंचने के साथ, देश मछली उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। जानें इस क्षेत्र में विकास की संभावनाएं और प्रमुख पहलों के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक है।
  • अंतर्देशीय उत्पादन 147 लाख टन तक पहुंचा है।
  • मत्स्य पालन क्षेत्र की औसत वार्षिक वृद्धि दर 9 प्रतिशत है।
  • नीली क्रांति और एफआईडीएफ जैसी पहलें महत्वपूर्ण हैं।
  • किसानों की आय दोगुना करने में मत्स्य पालन की भूमिका है।

नई दिल्ली, 14 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने जानकारी दी है कि भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, जहां 2013-14 से अंतर्देशीय उत्पादन में 142 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो अब 147 लाख टन के स्तर पर पहुंच गया है।

उन्होंने 'अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि सम्मेलन 2025' के दौरान बताया कि मत्स्य पालन क्षेत्र की औसत वार्षिक वृद्धि दर 9 प्रतिशत है, जो सभी कृषि से जुड़े क्षेत्रों में सबसे अधिक है।

केंद्रीय मंत्री ने नीली क्रांति, मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, पीएम-मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी महत्वपूर्ण पहलों पर प्रकाश डाला।

राज्य सरकारों से एफआईडीएफ का बेहतर उपयोग करने, आईसीएआर के साथ मिलकर कार्यान्वयन कैलेंडर बनाने और शीतजल मत्स्य पालन, सजावटी मत्स्य पालन और खारे जलीय कृषि का विस्तार कर निर्यात बढ़ाने के लिए अपील की गई।

उन्होंने पोषण में सुधार, उत्पादन को बढ़ावा देने और विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान देने के लिए अंतर्देशीय संसाधनों के प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

केंद्रीय मंत्री सिंह ने मत्स्य पालन क्षेत्र में अंतर्देशीय राज्यों द्वारा की गई प्रगति की सराहना की और उत्पादन तथा उत्पादकता को बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने कहा कि मत्स्य पालन किसानों की आय को दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने सभी हितधारकों के प्रयासों की सराहना की।

कार्यक्रम में डिजिटल टूल, वैल्यू एडिशन और मछली पकड़ने के बाद की गतिविधियों में काम करने वाले 300 से अधिक मत्स्य पालन स्टार्ट-अप के लिए समर्थन को प्रोत्साहित किया गया।

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय तथा अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने पोषण सुरक्षा, ग्रामीण समृद्धि और स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने में अंतर्देशीय मत्स्य पालन की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया।

उन्होंने पारंपरिक ज्ञान को नवाचार के साथ इंटीग्रेट करने, देशी प्रजातियों को बढ़ावा देने और सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाने के महत्व को रेखांकित किया।

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए आईसीएआर के सहयोग से गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने और ब्रूड बैंक विकसित करने की जरूरत पर बल दिया।

Point of View

बल्कि यह ग्रामीण विकास और पोषण सुरक्षा की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है। केंद्र सरकार की पहलें इस क्षेत्र में नवाचार और विकास को प्रोत्साहित कर रही हैं।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

भारत का मछली उत्पादन कितना है?
भारत का मछली उत्पादन 147 लाख टन है, जो 2013-14 से 142 प्रतिशत बढ़ा है।
अंतर्देशीय मत्स्य पालन का महत्व क्या है?
अंतर्देशीय मत्स्य पालन ग्रामीण विकास, पोषण सुरक्षा और स्थायी आजीविका के लिए महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय मंत्री ने किन पहलों पर प्रकाश डाला?
केंद्रीय मंत्री ने नीली क्रांति, पीएम मत्स्य संपदा योजना और एफआईडीएफ जैसी पहलों पर जोर दिया।
मत्स्य पालन क्षेत्र में औसत वार्षिक वृद्धि दर क्या है?
मत्स्य पालन क्षेत्र की औसत वार्षिक वृद्धि दर 9 प्रतिशत है।
किसान क्रेडिट कार्ड का क्या महत्व है?
किसान क्रेडिट कार्ड किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिससे उनकी आय में सुधार होता है।