क्या भारत में मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के लिए नए नियमों के बाद 'व्हाट्सएप वेब' यूजर्स को हर छह घंटे में लॉगआउट करना पड़ेगा?
सारांश
Key Takeaways
- यूजर्स को हर छह घंटे लॉग आउट होना आवश्यक है।
- सर्विसेज सिम से जुड़ी होंगी।
- 90 दिनों के बाद बिना सिम के सेवाओं का उपयोग नहीं कर सकेंगे।
- सरकार ने साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए यह कदम उठाया है।
- टेक कंपनियाँ प्राइवेसी पर सवाल उठा रही हैं।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दूरसंचार विभाग द्वारा मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के लिए लागू किए गए नए नियमों के अनुसार, 'व्हाट्सएप वेब' जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले यूजर्स को हर छह घंटे में लॉग आउट होना आवश्यक है।
हाल ही में जारी किए गए निर्देशों में यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वेब आधारित प्लेटफॉर्म जैसे कि व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल, अराटाई, स्नैपचैट, शेयरचैट आदि पर यूजर्स के पंजीकरण का संबंध सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल (एसआईएम) सेवाओं से होना चाहिए।
इसका अर्थ है कि मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की सेवाएं सिम से जुड़ी होंगी। जब तक सिम यूजर्स के फोन में है, तब तक ही वे इन ऐप्स का उपयोग कर सकेंगे। जैसे ही सिम बंद हो जाएगी, सेवाओं की उपलब्धता समाप्त हो जाएगी। इस कारण 'व्हाट्सएप वेब' जैसे प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को हर छह घंटे में लॉग आउट करना होगा।
दूरसंचार विभाग द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि यदि डिवाइस में मूल सिम मौजूद नहीं है, तो यूजर्स इन ऐप्स का उपयोग 90 दिनों के बाद नहीं कर पाएंगे। हर वेब-आधारित प्लेटफॉर्म को चार महीनों के भीतर सरकार को एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
सरकार ने मैसेजिंग ऐप्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए यह कदम उठाया है, क्योंकि साइबर जालसाज अक्सर भारत के बाहर से बिना सिम के व्हाट्सएप का उपयोग करके धोखाधड़ी करते थे।
सिम बाइंडिंग को अनिवार्य बनाने से किसी सब्सक्राइबर की गतिविधियों का पता लगाने में सहूलियत होगी, जिससे धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी।
ये नियम दूरसंचार साइबर सुरक्षा संशोधन नियम, 2025 से संबंधित हैं, जिसमें दूरसंचार पहचानकर्ता उपयोगकर्ता इकाई का विचार शामिल है।
संशोधित नियमों के तहत, प्लेटफॉर्म को सिम पर संग्रहीत अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल ग्राहक पहचान (आईएमएसआई) तक पहुंच की जरूरत होगी, जिसके चलते व्हाट्सएप जैसी वैश्विक सेवाओं को भारतीय यूजर्स के लिए अपने सिस्टम के कुछ हिस्सों को फिर से डिजाइन करना होगा।
टेक कंपनियों ने कहा है कि लगातार सिम जांच और छह घंटे तक लॉगआउट करने से यूजर्स की प्राइवेसी प्रभावित होगी और मल्टी-डिवाइस उपयोग की सुविधा खत्म हो जाएगी। हालांकि, दूरसंचार कंपनियों ने सरकार के इस कदम का समर्थन किया है।