क्या बांग्लादेश सरकार के खिलाफ कर्मचारियों का विरोध बढ़ेगा?

Click to start listening
क्या बांग्लादेश सरकार के खिलाफ कर्मचारियों का विरोध बढ़ेगा?

सारांश

बांग्लादेश में कर्मचारियों का विरोध तेजी से बढ़ रहा है। विवादास्पद 'सरकारी सेवा (संशोधन) अध्यादेश' के खिलाफ सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और इसे 'काला कानून' करार दिया। अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे और अधिक उग्र होने की चेतावनी दे रहे हैं।

Key Takeaways

  • कर्मचारी सड़कों पर उतरे हैं 'सरकारी सेवा (संशोधन) अध्यादेश' के खिलाफ।
  • काले कानून की वापसी की मांग की जा रही है।
  • संशोधित अध्यादेश के तहत दंडनीय अपराध के प्रावधान हैं।
  • सरकार को संवाद करना होगा।
  • आंदोलन और बढ़ सकता है अगर मांगें नहीं मानी गईं।

ढाका, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश सचिवालय में गुरुवार को सैकड़ों अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक बार फिर से मोहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया और विवादित 'सरकारी सेवा (संशोधन) अध्यादेश' को वापस लेने की मांग की।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस अध्यादेश को 'काला कानून' करार देते हुए कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो विरोध और अधिक उग्र किया जाएगा।

बांग्लादेश सचिवालय अधिकारी-कर्मी एकता मंच के नेता नुरुल इस्लाम ने कहा, “हम इस काले कानून को रद्द करने की मांग करते हैं। इसके साथ ही हम 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता और फासीवादी सोच रखने वाले अधिकारियों को हटाने की भी मांग करते हैं।”

बदिउल कबीर ने कहा, “जब तक अध्यादेश को पूरी तरह से रद्द नहीं किया जाता, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”

इससे पहले इस सप्ताह, एकता मंच ने सरकार के रवैए के खिलाफ सचिवालय के बदमताल इलाके में एक विशाल रैली आयोजित करने की चेतावनी दी थी।

मंच के महासचिव मुजाहिदुल इस्लाम सलीम ने अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरुल पर सवाल उठाते हुए कहा, “उन्होंने कहा कि जब यह कानून पास हुआ, तब वे देश से बाहर थे। अगर वे मौजूद होते, तो यह अध्यादेश पास ही नहीं होता।”

उन्होंने आगे कहा, “हम कोई उपद्रवी नहीं हैं, न ही सड़कों पर नारेबाजी करने वाले लोग हैं। फिर भी हमें क्यों उकसाया जा रहा है?”

इससे पहले सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए सलाहकार आसिफ नजरुल ने माना कि इस अध्यादेश से सरकारी कर्मचारियों के उत्पीड़न की आशंका बनी हुई है और इसमें कुछ संशोधन की गुंजाइश जरूर है।

उन्होंने कहा, “यह कानून दुर्भावना से नहीं बनाया गया, लेकिन जिनके लिए यह लागू हुआ है, वे परेशान हो सकते हैं। मैं मानता हूं कि इस कानून के कुछ हिस्से विचार योग्य हैं।”

बता दें कि 22 मई को अंतरिम प्रशासन की सलाहकार परिषद की बैठक में इस अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद से ही सचिवालय में कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, संशोधित अध्यादेश के तहत यदि कोई सरकारी कर्मचारी आदेश न माने, बिना अनुमति के गैरहाजिर रहे या दूसरों को काम करने से रोके, तो यह दंडनीय अपराध माना जाएगा, जिसमें पदावनति, बर्खास्तगी या सेवा से निष्कासन जैसी सजा का प्रावधान है।

–राष्ट्र प्रेस

डीएससी/एबीएम

Point of View

NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में कर्मचारी क्यों विरोध कर रहे हैं?
कर्मचारी विवादित 'सरकारी सेवा (संशोधन) अध्यादेश' को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जिसे वे 'काला कानून' मानते हैं।
क्या सरकार ने इस अध्यादेश पर कोई प्रतिक्रिया दी है?
सरकारी सलाहकार आसिफ नजरुल ने इसे लेकर संशोधन की गुंजाइश की बात की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
क्या इस आंदोलन का कोई प्रभाव पड़ेगा?
अगर सरकार कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो आंदोलन और बढ़ सकता है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।