क्या थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हमले रुकेंगे? दोनों पक्षों को भारी नुकसान

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क्या थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हमले रुकेंगे? दोनों पक्षों को भारी नुकसान

सारांश

थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर चल रहे संघर्ष ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई है। कंबोडियाई सेना द्वारा की गई बमबारी में कई नागरिकों के हताहत होने की खबरें हैं। क्या यह संघर्ष रुक पाएगा?

Key Takeaways

  • थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष जारी है।
  • कंबोडियाई सेना द्वारा बमबारी की जा रही है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने बातचीत के माध्यम से समाधान की अपील की है।
  • सीमा के २,९०० परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।
  • थाईलैंड ने अपने नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है।

बैंकॉक, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। सीमा के कई क्षेत्रों में लगातार संघर्ष जारी हैं। रिपोर्टों के अनुसार, कंबोडियाई सेना ने भारी हथियारों, फील्ड आर्टिलरी और बीएम-21 रॉकेट सिस्टम का उपयोग करते हुए बमबारी की।

थाई सेना ने सामरिक स्थिति के अनुसार जवाबी कार्रवाई की और स्थानीय निवासियों को झड़प वाले क्षेत्रों में जाने से मना किया। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज ऑफ थाईलैंड ने सुरिन प्रांत के एक स्थानीय अधिकारी के हवाले से बताया कि शुक्रवार सुबह फिर से सीमा के निकट तोपों की आवाजें सुनाई दीं।

थाई स्वास्थ्य मंत्रालय के उप प्रवक्ता के अनुसार, गुरुवार रात ९ बजे तक थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हुई सैन्य झड़पों में १४ थाई नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि ४६ अन्य घायल हुए हैं।

इसी बीच, कंबोडिया के ओडर मीनचे प्रांत के डिप्टी गवर्नर मेट मियास फेकदी ने शिन्हुआ को बताया कि गुरुवार को थाई गोलाबारी में एक कंबोडियाई नागरिक की मौत हो गई और ५ अन्य घायल हुए हैं।

उन्होंने कहा, "सीमा के पास रहने वाले २,९०० से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। शुक्रवार सुबह तक भी लड़ाई जारी है।"

कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की अंडरसेक्रेटरी और प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेटा ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी दी कि थाई सेना ने ओडर मीनचे और प्रीआह विहेयर प्रांतों में कई स्थानों पर भारी हथियारों, एफ-१६ लड़ाकू विमानों और क्लस्टर बमों का इस्तेमाल किया।

इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंतित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से "अधिकतम संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने" की अपील की है।

कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र में आपातकालीन सत्र बुलाया, जो शुक्रवार को न्यूयॉर्क में बंद दरवाजों के पीछे आयोजित हुआ।

थाईलैंड ने कंबोडिया से जुड़ी सभी भूमि सीमाओं को सील कर दिया है और अपने नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है। थाईलैंड की सभी सात एयरलाइनों ने थाई नागरिकों की वापसी में मदद करने की पेशकश की है।

यह संघर्ष थाईलैंड की आंतरिक राजनीति पर भी असर डाल रहा है। प्रधानमंत्री पेटोंगटर्न शिनावात्रा को १ जुलाई को नैतिकता जांच के चलते निलंबित कर दिया गया था। अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई हालात की कमान संभाल रहे हैं। फुमथाम ने कंबोडिया को आक्रामकता से बाज आने की चेतावनी दी है।

Point of View

हमें हमेशा अपने देश के हितों का ध्यान रखना चाहिए। इस संघर्ष का प्रभाव न केवल थाईलैंड और कंबोडिया पर है, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर भी है। हमें संवाद और बातचीत के माध्यम से समस्याओं को हल करने की आवश्यकता है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर झड़पों का कारण क्या है?
झड़पों का कारण क्षेत्रीय विवाद और सीमा पर नियंत्रण को लेकर मतभेद हैं।
इस संघर्ष में कितने लोग प्रभावित हुए हैं?
अब तक १४ थाई नागरिकों की मौत हो चुकी है और ४६ अन्य घायल हुए हैं।
क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस पर प्रतिक्रिया दी है?
हाँ, संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।