क्या एयर इंडिया विमान हादसे के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उठाया बड़ा कदम?

Click to start listening
क्या एयर इंडिया विमान हादसे के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उठाया बड़ा कदम?

सारांश

एयर इंडिया विमान दुर्घटना ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को एक नया दिशा-निर्देश स्थापित करने के लिए प्रेरित किया है। नए मसौदा नियमों के माध्यम से मंत्रालय ने विमान सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। जानिए इन नियमों का क्या असर होगा?

Key Takeaways

  • एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद नियमों में बदलाव।
  • नागरिक उड्डयन मंत्रालय का नया मसौदा नियम।
  • संरचनाओं की ऊंचाई पर नियंत्रण।
  • मुआवजे की शर्तें स्पष्ट।
  • जनता की भागीदारी के लिए सुझाव आमंत्रित।

नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मंत्रालय ने विमान सुरक्षा से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए नए मसौदा नियम जारी किए हैं।

12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया का विमान क्रैश हो गया था। यह विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया और उसमें आग लग गई। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 में से 241 लोग मारे गए। घटना के बाद अब केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाने का फैसला किया है।

नए मसौदा नियमों का नाम ‘विमान (अवरोधों को गिराने के नियम)-2025’ रखा गया है। ये नियम राजपत्र में प्रकाशित होते ही प्रभाव में आ जाएंगे। इनका उद्देश्य एयरपोर्ट के आसपास निर्धारित क्षेत्रों में ऊंचाई की सीमा से अधिक इमारतों और पेड़ों पर त्वरित कार्रवाई के लिए अधिकारियों को अधिकार देना है। इस पहल को विमान मार्गों में आने वाली रुकावटों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक सक्रिय कदम के रूप में देखा जा रहा है।

मसौदा नियमों के तहत यदि कोई संरचना तय ऊंचाई से अधिक पाई जाती है तो संबंधित क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा। संपत्ति मालिक को 60 दिनों के भीतर साइट प्लान और ढांचे की माप समेत अन्य विवरण प्रस्तुत करने होंगे। यदि ऐसा नहीं किया गया तो अधिकारियों को ढांचे को गिराने या ऊंचाई कम करने की कार्रवाई का अधिकार होगा।

यदि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) या कोई अधिकृत अधिकारी किसी ढांचे को नियमों का उल्लंघन मानता है तो वो इसे हटाने या कम करने का आदेश जारी कर सकता है। मालिक को पालन करने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा, जो उचित कारणों पर और 60 दिन तक बढ़ाया जा सकता है।

इसके अलावा अधिकारियों को दिन के समय स्थल का निरीक्षण करने की अनुमति होगी, बशर्ते वो संपत्ति मालिक को पहले से सूचित करें। अगर संपत्ति मालिक सहयोग नहीं करता तो अधिकारी उपलब्ध जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई कर सकते हैं और मामला डीजीसीए को भेज सकते हैं।

मसौदा नियमों के तहत यदि किसी ढांचे को हटाने या कम करने का आदेश दिया जाता है तो संपत्ति मालिक प्रथम या द्वितीय अपीलीय अधिकारी के समक्ष निर्धारित फॉर्म, आवश्यक दस्तावेज और एक हजार रुपये शुल्क के साथ अपील कर सकते हैं।

इसमें मुआवजे की शर्तें भी रखी गई हैं। केवल वो मालिक जिन्हें आधिकारिक आदेशों के अनुसार ढांचे को गिराने या संशोधित करने के लिए कहा गया है और जिन्होंने आदेश का पालन किया है, उन्हें भारतीय वायुवहन अधिनियम-2024 की धारा 22 के तहत मुआवजा दिया जाएगा। अधिसूचना की तिथि के बाद नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए किसी भी ढांचे को मुआवजा नहीं मिलेगा।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इन मसौदा नियमों पर प्रकाशन के 20 दिनों के भीतर जनता से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की हैं।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दें। नागरिक उड्डयन मंत्रालय का यह कदम हमें यह बताता है कि सरकार विमान सुरक्षा के प्रति गंभीर है। हम सभी को मिलकर इस दिशा में सहयोग करना चाहिए।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

नए मसौदा नियम क्या हैं?
नए मसौदा नियम ‘विमान (अवरोधों को गिराने के नियम)-2025’ के अंतर्गत भौतिक संरचनाओं पर नियंत्रण कड़ा किया जाएगा।
इन नियमों का उद्देश्य क्या है?
इनका उद्देश्य एयरपोर्ट के आसपास ऊंचाई से अधिक इमारतों और पेड़ों पर त्वरित कार्रवाई करना है।
यदि कोई संरचना ऊंचाई से अधिक पाई गई तो क्या होगा?
यदि कोई संरचना ऊंचाई से अधिक पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा और 60 दिनों का समय दिया जाएगा।
क्या मुआवजे की कोई व्यवस्था है?
हाँ, केवल उन्हीं मालिकों को मुआवजा मिलेगा जिन्होंने आधिकारिक आदेशों का पालन किया है।
जनता से सुझाव कैसे आमंत्रित किए जाएंगे?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मसौदा नियमों के प्रकाशन के 20 दिनों के भीतर सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की हैं।