क्या आप जानते हैं अमरनाथ यात्रा में दो लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं?

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क्या आप जानते हैं अमरनाथ यात्रा में दो लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं?

सारांश

अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। हाल ही में 6,143 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ है। यात्रा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यह यात्रा भक्तों के लिए एक विशेष धार्मिक महत्व रखती है। जानिए इस यात्रा के बारे में और क्या है इसकी खासियत।

Key Takeaways

  • अमरनाथ यात्रा का आयोजन हर वर्ष होता है।
  • यात्रा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
  • तीर्थयात्री गुफा मंदिर तक पहुँचने के लिए पैदल यात्रा करते हैं।
  • इस वर्ष कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
  • यात्रा का समापन 9 अगस्त को होगा।

श्रीनगर, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमरनाथ यात्रा में पिछले 11 दिनों में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं। इसी क्रम में सोमवार को 6,143 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था जम्मू से कश्मीर की ओर रवाना हुआ।

अधिकारियों के अनुसार, आज 6,143 यात्रियों का एक और जत्था भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए निकल पड़ा।

पहला सुरक्षा काफिला 100 वाहनों के साथ सुबह 3.30 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ, जिसमें 2,215 यात्री शामिल थे, जबकि दूसरा सुरक्षा काफिला 135 वाहनों के साथ सुबह 4 बजे नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए 3,928 यात्रियों को लेकर गया।

अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कठोर इंतजाम किए हैं। यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या की थी।

सुरक्षा के लिए 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत बढ़ाने के लिए तैनात किया गया है। जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक के रास्ते और दोनों आधार शिविरों के रास्ते में सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित किया है।

पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले श्रद्धालु चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुँचते हैं, और इस यात्रा में 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं।

यात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुँचने में चार दिन लगते हैं। वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुँचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।

अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का दिन है।

श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे।

Point of View

बल्कि देश की सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी महत्वपूर्ण है। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। यह यात्रा हमारी धार्मिक विविधता और एकता का प्रतीक है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

अमरनाथ यात्रा कब शुरू हुई थी?
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी।
इस वर्ष यात्रा का समापन कब होगा?
यात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी।
यात्रा में कितने तीर्थयात्री शामिल हुए हैं?
अब तक दो लाख से अधिक श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल हो चुके हैं।
क्या इस वर्ष हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध है?
सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
अमरनाथ यात्रा का धार्मिक महत्व क्या है?
यह यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है।