क्या अमरनाथ यात्रा में भक्तों का उत्साह बढ़ रहा है?

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क्या अमरनाथ यात्रा में भक्तों का उत्साह बढ़ रहा है?

सारांश

अमरनाथ यात्रा में भक्तों का उत्साह चरम पर है। सुरक्षा काफिले की बजाय अधिक श्रद्धालु सीधे कश्मीर पहुँचकर पंजीकरण करा रहे हैं। क्या यह यात्रा पहले से अधिक सुरक्षित होगी?

Key Takeaways

  • अमरनाथ यात्रा में भक्तों का उत्साह बढ़ रहा है।
  • प्रतिदिन बढ़ती संख्या में श्रद्धालु कश्मीर पहुँच रहे हैं।
  • प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
  • यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी।
  • गुफा मंदिर तक पहुँचने में 4 दिन लगते हैं।

श्रीनगर, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमरनाथ यात्रा को लेकर बाबा बर्फानी के भक्तों में अद्भुत उत्साह देखा जा रहा है। जम्मू से सुरक्षा काफिले के साथ यात्रा आरंभ करने वाले श्रद्धालुओं की तुलना में अब अधिक भक्त सीधे कश्मीर पहुँच रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से पुलिस काफिले के साथ आने वाले यात्रियों की तुलना में दोगुने से अधिक यात्री सीधे कश्मीर के दो बेस कैंप और ट्रांजिट कैंपों में ऑन स्पॉट पंजीकरण के लिए पहुँच रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार, अमरनाथ यात्रा के लिए सीधे कश्मीर पहुँचने वाले यात्री, जो वहाँ जाकर पंजीकरण कराते हैं, अधिकतर हवाई मार्ग से आ रहे हैं। इसके कारण जम्मू से सड़क के रास्ते बालटाल और पहलगाम बेस कैंप जाने वाले यात्रियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है।

आज 2,197 यात्रियों का एक और जत्था जम्मू से दो पुलिस काफिलों के साथ घाटी के लिए रवाना हुआ। पहले काफिले में 39 वाहनों में 573 यात्री थे और यह सुबह 3:31 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए निकला। दूसरे काफिले में 62 वाहनों में 1,624 यात्री थे, जो सुबह 4:01 बजे पहलगाम बेस कैंप के लिए रवाना हुआ।

अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।

180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत को बढ़ाने के लिए तैनात किया गया है। जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक के पूरे मार्ग और दोनों आधार शिविरों के रास्ते में सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया है।

पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होते हुए गुफा मंदिर तक पहुँचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं।

तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुँचने में चार दिन लगते हैं। वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुँचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।

अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन के दिन है।

श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक मानी जाती है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे।

Point of View

यह यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि एक सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

अमरनाथ यात्रा कब शुरू होती है?
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू होती है।
सुरक्षा व्यवस्था के क्या इंतजाम हैं?
180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को तैनात किया गया है।
यात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुँचने में कितना समय लगता है?
तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुँचने में चार दिन लगते हैं।
बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले यात्रियों के लिए क्या है?
बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले यात्रियों को 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है।
इस वर्ष हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध है?
सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।