क्या अमरनाथ यात्रा सुचारू रूप से जारी है? 22 दिनों में 3.6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

सारांश
Key Takeaways
- अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी।
- 22 दिनों में 3.6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
- सुरक्षा उपायों के तहत यात्रा सुचारू रूप से जारी है।
- हेलीकॉप्टर सेवा इस वर्ष उपलब्ध नहीं है।
- गुफा मंदिर सबसे पवित्र स्थल है।
श्रीनगर, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमरनाथ यात्रा शांति और सुव्यवस्था के साथ निरंतर जारी है। पिछले 22 दिनों में 3.6 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 22 दिन की यात्रा के दौरान 3.6 लाख से अधिक भक्तों ने गुफा में दर्शन किए। साथ ही, शनिवार को 2,324 यात्रियों का एक नया जत्था भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ।
शनिवार को 34 वाहनों का पहला सुरक्षा काफिला 741 यात्रियों को लेकर सुबह 3:25 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ, वहीं 58 वाहनों का दूसरा काफिला 1,583 यात्रियों को लेकर सुबह 3:45 बजे पहलगाम बेस कैंप के लिए निकल गया।
अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या की थी।
180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की सहायता के लिए तैनात किया गया है। जम्मू के भगवती नगर से गुफा मंदिर तक के पूरे मार्ग और दोनों आधार शिविरों के रास्ते को सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित किया गया है।
पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले श्रद्धालुओं को चंदनवाड़ी, शेषनाग, और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचना होता है, जिसमें 46 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले श्रद्धालुओं को 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना होता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और यह 38 दिनों बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का दिन है।
श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के भीतर माता पार्वती को अमरता के रहस्य बताए थे।