क्या इम्यून सिस्टम को बूस्ट करके तनाव को छूमंतर करता है ये कमाल का ‘इंडियन विंटर चेरी’?

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क्या इम्यून सिस्टम को बूस्ट करके तनाव को छूमंतर करता है ये कमाल का ‘इंडियन विंटर चेरी’?

सारांश

अश्वगंधा, जिसे ‘इंडियन विंटर चेरी’ कहा जाता है, तनाव को कम करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में अद्वितीय है। जानें इसके फायदे और सेवन के तरीके।

Key Takeaways

  • तनाव कम करने में मददगार
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है
  • ऊर्जा बढ़ाने के लिए प्रभावी
  • मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक
  • सर्दी-जुकाम से राहत देता है

नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद में अश्वगंधा को एक महत्वपूर्ण औषधि माना गया है। इसे ‘इंडियन विंटर चेरी’ के नाम से भी जाना जाता है, जो शरीर और मन के लिए एक अमूल्य वरदान है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, अश्वगंधा तनाव को कम करने, ऊर्जा बढ़ाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक है।

आयुर्वेद में इसका उपयोग सदियों से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया जाता रहा है।

अश्वगंधा, जिसका लैटिन नाम विथानिया सोम्नीफेरा है, एक छोटी बारहमासी झाड़ी है, जिसमें सफेद फूल और नारंगी-लाल बेरी होती हैं। इसकी जड़ों से घोड़े जैसी गंध आने के कारण इसे अश्वगंधा नाम मिला। यह पौधा भारत, मध्य पूर्व और अफ्रीका में पाया जाता है।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, “अश्वगंधा एक औषधीय पौधा है। स्वास्थ्य लाभों के लिए आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल सालों से किया जा रहा है। यह तनाव कम करने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। अश्वगंधा को इंडियन विंटर चेरी के नाम से भी जाना जाता है; यह ऊर्जा को बढ़ाने के साथ तनाव को कम करने में सहायक है। अश्वगंधा चूर्ण शरीर और मन को अद्भुत लाभ पहुंचाती है। इसे सही तरीके से और नियमित सेवन से कई लाभ मिलते हैं।”

आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार, अश्वगंधा का नियमित और सही तरीके से सेवन मानसिक शांति, शारीरिक बल और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि अश्वगंधा चूर्ण मधुमेह को नियंत्रित करने, गले की खराश दूर करने और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में कारगर है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।

एक्सपर्ट बताते हैं कि दूध में अश्वगंधा चूर्ण मिलाकर पीने से इसके लाभ और बढ़ जाते हैं। स्वाद के लिए इसमें गुड़ या शहद मिलाया जा सकता है। बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम से राहत के लिए अश्वगंधा चूर्ण को चाय में उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इसके लिए एक कप पानी में आधा चम्मच अश्वगंधा चूर्ण, अदरक और तुलसी डालकर 5 मिनट तक उबालें, फिर छानकर पिएं। इससे न केवल सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है, बल्कि तनाव भी कम होता है।

हालांकि, आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श के बिना अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि सही मात्रा और तरीके से इसका उपयोग अधिकतम लाभ देता है। बदलते मौसम में इम्यूनिटी बढ़ाने और तनाव से मुक्ति के लिए अश्वगंधा एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि अश्वगंधा एक प्राचीन औषधि है जो आज के समय में भी अत्यंत प्रासंगिक है। इसके लाभों को ध्यान में रखते हुए, यह न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बन सकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

अश्वगंधा के क्या लाभ हैं?
अश्वगंधा तनाव को कम करने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, और ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है।
अश्वगंधा का सेवन कैसे करना चाहिए?
अश्वगंधा चूर्ण को दूध या चाय में मिलाकर सेवन करना चाहिए।
क्या अश्वगंधा का सेवन सभी को करना चाहिए?
नहीं, अश्वगंधा का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।
क्या अश्वगंधा मधुमेह में मदद करता है?
हां, अश्वगंधा मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक है।
अश्वगंधा का सेवन कब करना चाहिए?
बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम से राहत पाने के लिए इसका सेवन फायदेमंद होता है।