क्या ध्वजारोहण के साथ साकार होगा नव्य अयोध्या का सपना?

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क्या ध्वजारोहण के साथ साकार होगा नव्य अयोध्या का सपना?

सारांश

अयोध्या में 25 नवंबर को ध्वजारोहण समारोह के साथ नव्य अयोध्या का सपना साकार होगा। यह सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता का संगम है, जो धार्मिक पर्यटन, आर्थिक समृद्धि और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देगा।

Key Takeaways

  • ध्वजारोहण समारोह 25 नवंबर को होगा।
  • नव्य अयोध्या का सपना सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता का संगम है।
  • रामायण संग्रहालय विशेष अनुभव प्रदान करेगा।
  • अयोध्या में विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित होंगी।
  • स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

लखनऊ, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रभु श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में 25 नवंबर को आयोजित होने वाले ध्वजारोहण समारोह के साथ नव्य अयोध्या का सपना साकार होगा। इस परिवर्तन को वैदिक दर्शन से प्रेरित एक संतुलित मॉडल के रूप में देखा जा सकता है, जहां सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता का संगम हो रहा है।

अयोध्या मास्टर प्लान 2031 और विजन 2047 के तहत विकसित हो रही यह नगरी सतत विकास का जीवंत उदाहरण है। यह न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय समृद्धि भी सुनिश्चित करेगी। योगी सरकार का विजन भविष्य में अयोध्या को विश्व की बड़ी आध्यात्मिक नगरी की ओर अग्रसर करेगा।

विशेषज्ञों के अनुसार, राम मंदिर का नागर शैली में निर्माण, जो गुप्त काल से चली आ रही परंपरा को पुनर्जीवित करता है, पूरे शहर की योजना का आधार है। 750 करोड़ रुपये की लागत से विकसित हो रहा रामायण संग्रहालय (टेम्पल म्यूजियम) रामकथा को विशेष वातावरण का अनुभव देगा, जहां 3डी मॉडल्स, लाइट एंड साउंड शो और राम वन गमन पथ के माध्यम से वनवास की घटनाओं को जीवंत किया जाएगा। ऐतिहासिक कुंडों का पुनरुद्धार, जैसे 108 तालाबों का जीर्णोद्धार और सरयू नदी के घाटों का सौंदर्यीकरण, वैदिक जल-संरक्षण की भावना को मजबूत करता है। पारंपरिक स्मारकों का संरक्षण, जैसे चैरासी कोसी और पंचकोसी परिक्रमा मार्गों पर आश्रमों व मंदिरों का पर्यटन विकास, शहर को वेटिकन जैसा पवित्र केंद्र बनाता है।

श्री राम हेरिटेज वॉक, जहां 162 टेराकोटा म्यूरल्स रामायण की कथाओं को चित्रित करेंगे, आगंतुकों को इतिहास से जोड़ेगा। यह सब वैदिक वास्तु के सिद्धांतों जैसे दिशा-संरेखण और प्रकृति-समन्वय पर आधारित है, जो शहर को आध्यात्मिक शांति का प्रतीक बनाएगा। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर स्मार्ट सिटी मास्टर प्लान के तहत अयोध्या विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस हो रही है। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जो 2024 में उद्घाटित हो चुका है, अब वैश्विक यात्रियों का स्वागत करेगा।

अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण, मेट्रो नेटवर्क का विस्तार और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईसीसीसी) से जाम-मुक्त आवागमन सुनिश्चित होगा। डिजिटल गवर्नेंस के तहत ई-गवर्नेंस पोर्टल्स और वर्चुअल दर्शन सुविधा से तीर्थयात्रियों को घर बैठे दर्शन का अवसर मिलेगा। वैज्ञानिक वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, जिसमें अंडरग्राउंड ड्रेनेज और स्मार्ट बिन्स शामिल हैं, शहर को स्वच्छ रखेगा। 550 एकड़ के 'नव्य अयोध्या' ग्रीनफील्ड टाउनशिप में 218 करोड़ के निवेश से अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिसिटी डक्ट्स और ईवी चार्जिंग स्टेशन्स विकसित हो रहे हैं।

विश्वस्तरीय योग/वेलनेस सेंटर, फ्लेमिश यूनिवर्सिटी के सहयोग से, आयुर्वेद, योग और नेचरोपैथी पर केंद्रित होंगे। ये सुविधाएं न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेंगी, बल्कि स्थानीय रोजगार सृजन भी करेंगी। फॉरेस्ट-थीम पार्क, वेदिक फॉरेस्ट और 15,000 पेड़ों का जापानी मियावाकी विधि से रोपण, शहर को ग्रीन बेल्ट से घेर रहा है। इको-सेंसिटिव जोन का निर्माण सरयू के तटों पर जल-संरक्षण को बढ़ावा देगा, जहां वेटलैंड्स को जैव-विविधता हॉटस्पॉट में बदला जा रहा है।

सोलर सिटी के रूप में, यूपी सोलर पॉलिसी-2022 के तहत सूर्य-ऊर्जा पर आधारित ग्रिड स्थापित हो रहा है, जो अयोध्या को सन सिटी के प्राचीन स्वरूप को पुनर्स्थापित करेगा। सामुदायिक जुड़ाव और सामाजिक समावेशन इस योजना का मूल है। अवधी थीम पर आधारित बाजार, जहां हस्तशिल्प, पारंपरिक वेशभूषा और स्थानीय उत्पाद बिकेंगे, कारीगरों को सशक्त बनाएंगे। दीपोत्सव जैसे पर्व-त्योहारों और सांस्कृतिक आयोजनों को बढ़ावा देकर, शहर सामुदायिक एकता को मजबूत करेगा।

हेरिटेज वॉक और फेस्टिवल सर्किट्स से महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यकों का समावेश सुनिश्चित होगा। एक शहरी योजनाकार के नजरिए से, 'नव्य अयोध्या' साबित करती है कि विकास विरासत को नष्ट नहीं, बल्कि समृद्ध करता है। ध्वजारोहण के साथ यह नगरी नये भारत का प्रतीक बनेगी, जहां आस्था, तकनीक और प्रकृति का त्रिवेणी संगम होगा। अयोध्या युवाओं के लिए अब अवसरों का द्वार है।

Point of View

बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक समावेशन का भी प्रतीक बनेगा। यह परियोजना भारतीय संस्कृति की महानता को प्रदर्शित करते हुए, एक नई दिशा में आगे बढ़ने का एक ठोस उदाहरण है।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

ध्वजारोहण समारोह कब होगा?
ध्वजारोहण समारोह 25 नवंबर को अयोध्या में आयोजित होगा।
नव्य अयोध्या का सपना क्या है?
यह सपना अयोध्या के विकास और आध्यात्मिकता का संगम है, जहां सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता एक साथ आगे बढ़ रही हैं।
रामायण संग्रहालय में क्या खास है?
यह संग्रहालय रामकथा को 3डी मॉडल्स, लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से जीवंत करेगा।
अयोध्या में कौन-कौन सी नई सुविधाएं होंगी?
अयोध्या में स्मार्ट सिटी मास्टर प्लान के तहत विश्वस्तरीय सुविधाएं, योग/वेलनेस सेंटर, और इको-सेंसिटिव जोन विकसित किए जाएंगे।
इस विकास का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव होगा?
यह विकास स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करेगा और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा।
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