क्या बिहार की तरह बंगाल में भी चुनाव से पहले वोटर लिस्ट की जांच हो सकती है?

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क्या बिहार की तरह बंगाल में भी चुनाव से पहले वोटर लिस्ट की जांच हो सकती है?

सारांश

सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उत्तर कन्या अभियान के आदेश का स्वागत किया। उन्होंने ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए बिहार की तर्ज पर बंगाल में वोटर लिस्ट की जांच की मांग की है। क्या यह चुनावी प्रक्रिया में नया मोड़ लाएगा?

Key Takeaways

  • उत्तर कन्या अभियान महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के खिलाफ है।
  • सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया।
  • बिहार की तरह बंगाल में वोटर लिस्ट की जांच की मांग की गई है।
  • रोहिंग्या समुदाय का मुद्दा राजनीतिक रूप से संवेदनशील है।
  • भाजपा युवा मोर्चा का यह कार्यक्रम जरूरी है।

कोलकाता, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा राज्य में 'उत्तर कन्या अभियान' कार्यक्रम चलाने का आदेश देने का स्वागत किया। यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा द्वारा आयोजित होना है।

मीडिया से बात करते हुए भाजपा नेता ने कहा, "मैं कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। कोर्ट ने भाजपा युवा मोर्चा के कार्यक्रम को अनुमति दी है। यह कार्यक्रम जरूरी है। प्रदेश में बेटी, बहन, दीदी के ऊपर अत्याचार हो रहा है। राज्य के उत्तरी इलाके में लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है, उत्तर बंगाल के श्रमिक कामकाज नहीं होने की वजह से दूसरे प्रदेशों में जा रहे हैं। हम कार्यक्रम में इन मुद्दों को उठाएंगे।"

बंगाल में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार के विरोध में उत्तर कन्या अभियान का आयोजन किया जाना है।

सुवेंदु अधिकारी ने बिहार की तरह पश्चिम बंगाल में भी वोटर लिस्ट की जांच की मांग की और रोहिंग्या को प्रदेश से बाहर करने की मांग उठाई। ममता बनर्जी पर उन्होंने रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को तुष्टीकरण की राजनीति के तहत संरक्षण देने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी रोहिंग्या को संरक्षित करने का अभियान चला रही हैं। ये म्यांमार और बांग्लादेश से होते हुए 540 किलोमीटर के उस क्षेत्र से राज्य में प्रवेश करते हैं, जिसे बीएसएफ को दिया जाना था, लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने नहीं दिया है। इसी का फायदा उठाते हुए रोहिंग्या-बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल में घुस गए हैं। ममता बनर्जी सरकार तुष्टीकरण की राजनीति करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। वोट बैंक के लिए फर्जी आधार कार्ड और राशन कार्ड बनवाए जा रहे हैं। ये लोग अब पूरे देश में फैल गए हैं।

अधिकारी ने कहा, रोहिंग्या भारत के नागरिक नहीं हैं। उन्हें देश से बाहर निकालने का काम किया जाना चाहिए। बिहार में जिस तरह चुनाव से पहले आयोग वोटर लिस्ट की जांच कर रहा है, उसी तरह बंगाल में भी हो सकता है। इसका ममता बनर्जी को डर है।

Point of View

NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

उत्तर कन्या अभियान क्या है?
उत्तर कन्या अभियान महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक आंदोलन है, जिसे भाजपा युवा मोर्चा द्वारा चलाया जा रहा है।
सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर क्या आरोप लगाए हैं?
सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को तुष्टीकरण की राजनीति के तहत संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
बंगाल में वोटर लिस्ट की जांच की मांग क्यों की गई है?
सुवेंदु अधिकारी का कहना है कि बिहार की तरह बंगाल में भी चुनाव से पहले वोटर लिस्ट की जांच होनी चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।