क्या भारत 2030 तक दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा?

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क्या भारत 2030 तक दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा?

सारांश

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि भारत 2030 तक दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा। उन्होंने ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं और रोजगार सृजन पर भी जोर दिया। पढ़ें पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • भारत 2030 तक टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा।
  • ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाएं रोजगार सृजन करेंगी।
  • वीओसी पोर्ट देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करने वाला पोर्ट है।
  • सागरमाला के तहत 98 परियोजनाएं चल रही हैं।
  • 16,000 करोड़ रुपए का निवेश बंदरगाहों के आधुनिकीकरण में किया गया है।

नई दिल्ली, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (एमओपीएसडब्ल्यू) सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि भारत 2030 तक दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा और 2047 तक टॉप पांच देशों में स्थान बनाएगा।

उन्होंने यह भी कहा, "2047 तक विकसित भारत का मिशन गति, पैमाने, सस्टेनेबिलिटी और आत्मनिर्भरता का एक संयोजन है।"

तमिलनाडु के वीओ चिदंबरनार (वीओसी) पोर्ट पर भारत के पहले पोर्ट-बेस्ड ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं हजारों रोजगार के अवसर पैदा करेंगी, वैश्विक निवेश को आकर्षित करेंगी और तमिलनाडु को भारत की आर्थिक आकांक्षाओं में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करेंगी।

केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में, हम 2030 तक दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माता देशों और 2047 तक टॉप 5 देशों में शामिल होने की दिशा में लगातार नए कदम उठा रहे हैं।"

3.87 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह सुविधा पोर्ट कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटों और एक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन को ऊर्जा प्रदान करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगी। इस शुभारंभ के साथ, वीओसी पोर्ट देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करने वाला बंदरगाह बन गया है।

केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने 35.34 करोड़ रुपए की लागत से 750 घन मीटर क्षमता वाली पायलट ग्रीन मेथनॉल बंकरिंग और ईंधन भरने की सुविधा की भी आधारशिला रखी।

कांडला और तूतीकोरिन के बीच प्रस्तावित तटीय हरित शिपिंग कॉरिडोर के साथ जुड़ी इस पहल से वीओसी पोर्ट दक्षिण भारत में एक प्रमुख ग्रीन बंकरिंग हब के रूप में स्थापित होने की उम्मीद है।

शुरू की गई अन्य परियोजनाओं में 400 किलोवाट का रूफटॉप सोलर पावर प्लांट भी शामिल है, जो बंदरगाह की रूफटॉप सौर क्षमता को बढ़ाकर 1.04 मेगावाट कर देगा, जो भारतीय बंदरगाहों में सबसे अधिक है। इसके अलावा, कोल जेटी-I को बंदरगाह स्टैक यार्ड से जोड़ने वाला 24.5 करोड़ रुपए का लिंक कन्वेयर भी शामिल है, जिससे दक्षता में 0.72 एमएमटीपीए की वृद्धि होगी।

केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने 6 मेगावाट के पवन फार्म, 90 करोड़ रुपए की लागत वाले मल्टी-कार्गो बर्थ, 3.37 किलोमीटर लंबी चार-लेन सड़क और तमिलनाडु समुद्री विरासत संग्रहालय की आधारशिला भी रखी।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि तमिलनाडु के तीन प्रमुख बंदरगाहों चेन्नई, कामराजर और वीओसी ने सागरमाला के तहत परिवर्तनकारी विकास देखा है, जिसमें पिछले 11 वर्षों में 93,715 करोड़ की लागत से 98 परियोजनाओं पर काम किया गया, जिसमें से 50 परियोजनाएं पहले ही पूर्ण हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा, "यह एक अद्वितीय विकास है। इन बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और क्षमता वृद्धि के लिए 16,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है।"

Point of View

तो यह भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकती हैं। यह विकास न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि रोजगार के अवसरों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत कब तक टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा?
भारत 2030 तक दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा।
ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं का क्या महत्व है?
ये परियोजनाएं रोजगार के अवसर पैदा करेंगी और वैश्विक निवेश आकर्षित करेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इसमें क्या योगदान है?
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।