क्या भारत 2030 तक दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा?: सर्बानंद सोनोवाल

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क्या भारत 2030 तक दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा?: सर्बानंद सोनोवाल

सारांश

क्या भारत 2030 तक दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा? केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के अनुसार, यह लक्ष्य न केवल रोजगार के अवसर पैदा करेगा, बल्कि तमिलनाडु को वैश्विक निवेश का केंद्र भी बनाएगा। जानिए इस महत्वाकांक्षी योजना के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • भारत 2030 तक टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा।
  • तमिलनाडु में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन शुरू हुआ।
  • 2047 तक टॉप 5 देशों में शामिल होने का लक्ष्य।
  • रोजगार के हजारों अवसर पैदा होंगे।
  • वैश्विक निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

नई दिल्ली, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (एमओपीएसडब्ल्यू) सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि भारत 2030 तक दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में शामिल होगा और 2047 तक यह टॉप 5 देशों में पहुंच जाएगा।

उन्होंने आगे कहा, '2047 तक विकसित भारत का मिशन गति, पैमाने, सस्टेनेबिलिटी और आत्मनिर्भरता का संयोजन है।'

तमिलनाडु के वीओ चिदंबरनार (वीओसी) पोर्ट पर भारत के पहले पोर्ट-बेस्ड ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ये परियोजनाएं हजारों रोजगार अवसर पैदा करेंगी, वैश्विक निवेश आकर्षित करेंगी और तमिलनाडु को भारत की आर्थिक आकांक्षाओं में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करेंगी।

सोनोवाल ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में, हम 2030 तक दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माता देशों और 2047 तक टॉप 5 देशों में शामिल होने के लक्ष्य की दिशा में निरंतर नए कदम उठा रहे हैं।'

3.87 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह सुविधा पोर्ट कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटों और एक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन को बिजली देने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगी। इस शुभारंभ के साथ, वीओसी पोर्ट देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करने वाला बंदरगाह बन गया है।

केंद्रीय मंत्री ने 35.34 करोड़ रुपए की लागत से 750 घन मीटर क्षमता वाली एक पायलेट ग्रीन मेथनॉल बंकरिंग एवं ईंधन भरने की सुविधा की भी आधारशिला रखी।

कांडला और तूतीकोरिन के बीच प्रस्तावित तटीय हरित शिपिंग कॉरिडोर से जुड़ी, इस पहल से वीओसी पोर्ट दक्षिण भारत में एक प्रमुख ग्रीन बंकरिंग हब के रूप में स्थापित होने की संभावना है।

शुरू की गई अन्य परियोजनाओं में 400 किलोवाट का रूफटॉप सोलर पावर प्लांट शामिल है, जो बंदरगाह की रूफटॉप सौर क्षमता को बढ़ाकर 1.04 मेगावाट कर देगा। इसके अलावा, कोल जेटी-I को बंदरगाह स्टैक यार्ड से जोड़ने वाला 24.5 करोड़ रुपए का लिंक कन्वेयर भी शामिल है, जिससे दक्षता में 0.72 एमएमटीपीए की वृद्धि होगी।

केंद्रीय मंत्री ने 6 मेगावाट के पवन फार्म, 90 करोड़ रुपए की लागत वाले मल्टी-कार्गो बर्थ, 3.37 किलोमीटर लंबी चार-लेन सड़क और तमिलनाडु समुद्री विरासत संग्रहालय की आधारशिला भी रखी।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तमिलनाडु के तीन प्रमुख बंदरगाहों चेन्नई, कामराजर और वीओसी ने सागरमाला के तहत परिवर्तनकारी विकास देखा है, जिसमें पिछले 11 वर्षों में 93,715 करोड़ की लागत से 98 परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ, जिनमें से 50 परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा, 'यह एक अद्वितीय विकास है। केवल इन बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और क्षमता वृद्धि के लिए 16,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है।'

Point of View

बल्कि वैश्विक निवेश को आकर्षित करने में भी मदद करेगा। हमें उम्मीद है कि यह पहल तमिलनाडु को एक आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।

NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत 2030 तक टॉप 10 जहाज निर्माता देशों में कैसे शामिल होगा?
भारत में कई नई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं, जो रोजगार के अवसर पैदा करेंगी और वैश्विक निवेश को आकर्षित करेंगी।
ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का महत्व क्या है?
ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन से स्वच्छ ऊर्जा मिलेगी और यह पर्यावरण के अनुकूल होगा।
क्या तमिलनाडु में कोई नई परियोजनाएं चल रही हैं?
हाँ, तमिलनाडु के वीओसी पोर्ट पर कई नई परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जैसे कि ग्रीन मेथनॉल बंकरिंग सुविधा।