क्या भारत ने रोमानियाई कंपनियों को अपने मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेटिव इकोसिस्टम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया?

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क्या भारत ने रोमानियाई कंपनियों को अपने मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेटिव इकोसिस्टम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया?

सारांश

भारत का वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने रोमानियाई कंपनियों को भारत के निर्माण और नवाचार क्षेत्र में शामिल होने का आमंत्रण दिया है। यह आमंत्रण मेक इन इंडिया और पीएलआई योजनाओं के तहत है। क्या यह दोनों देशों के बीच औद्योगिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है?

Key Takeaways

  • भारत ने रोमानिया की कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
  • ब्रासोव में आयोजित सम्मेलन में कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए।
  • दोनों देशों के बीच औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।
  • मेक इन इंडिया और पीएलआई योजनाएं इस सहयोग का आधार हैं।
  • भारत का रोमानिया के साथ व्यापार लगभग 2.98 अरब डॉलर तक पहुंचा।

नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने जानकारी दी है कि भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने रोमानिया की कंपनियों को आमंत्रित किया कि वे भारत के बढ़ते निर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) और नवाचार उद्योग में शामिल हों। इसके लिए उन्होंने मेक इन इंडिया और पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजनाओं का उल्लेख किया।

मंत्री प्रसाद ने भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए ब्रासोव में आयोजित भारत–रोमानिया व्यापार सम्मेलन में भाग लिया। यह कार्यक्रम ब्रासोव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, भारत के बुकारेस्ट स्थित दूतावास और डीपीआईआईटी के सहयोग से आयोजित किया गया।

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच निवेश और औद्योगिक सहयोग को बढ़ाना था। इसमें ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस, रक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, इंजीनियरिंग सेवाओं और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों की कंपनियों ने भाग लिया।

बैठक में भारत के हाल के नीतिगत सुधारों, व्यवसाय करने में आसानी से जुड़े कदमों और उद्योग क्षेत्रों में राज्यों द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहनों की जानकारी साझा की गई। इस अवसर पर भारतीय और रोमानियाई कंपनियों के बीच आपसी सहयोग के लिए कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए और नई तकनीकी साझेदारी तथा संयुक्त उपक्रम पर चर्चा हुई।

मंत्रालय के अनुसार, ब्रासोव में आयोजित यह सम्मेलन मध्य और पूर्वी यूरोप के साथ भारत के व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों देशों ने लंबे समय तक टिकाऊ विनिर्माण, हरित ऊर्जा और उच्च तकनीकी क्षेत्रों में मिलकर आगे बढ़ने की इच्छा व्यक्त की।

इससे पहले, मंत्री प्रसाद ने बुकारेस्ट में रोमानिया की विदेश मंत्री ओआना-सिल्विया सोयू से द्विपक्षीय बैठक की। दोनों पक्षों ने व्यापार बढ़ाने, निवेश आकर्षित करने और सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखलाएं मजबूत करने पर चर्चा की। वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, दोनों पक्ष इस वर्ष के भीतर, चल रही वार्ताओं के लिए निर्धारित राजनीतिक दिशा के अनुरूप, एक निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करने पर सहमत हुए।

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2024–25 में भारत का रोमानिया को निर्यात 1.03 अरब डॉलर से अधिक रहा, जबकि दोनों देशों के बीच कुल व्यापार लगभग 2.98 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि भारत और रोमानिया जैसे देशों के बीच औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा दिया जाए। इस प्रकार के समझौते न केवल व्यापार में वृद्धि करते हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों को भी स्थापित करते हैं।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत ने रोमानियाई कंपनियों को क्यों आमंत्रित किया?
भारत ने रोमानियाई कंपनियों को अपने निर्माण और नवाचार क्षेत्र में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है ताकि दोनों देशों के बीच औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा मिल सके।
इस सम्मेलन में किस-किस क्षेत्र की कंपनियों ने भाग लिया?
इस सम्मेलन में ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस, रक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, इंजीनियरिंग सेवाओं और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों की कंपनियों ने भाग लिया।
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