क्या भारत की औद्योगिक विकास दर अक्टूबर में 0.4 प्रतिशत रही?
सारांश
Key Takeaways
- औद्योगिक विकास दर में गिरावट आई है।
- त्योहारों के कारण कार्यदिवसों की कमी हुई।
- कुछ उद्योगों ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है।
- सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रही है।
- भविष्य में रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की औद्योगिक विकास दर अक्टूबर में 0.4 प्रतिशत तक घट गई है। इसका मुख्य कारण इस महीने में दशहरा, दीपावली और छठ जैसे त्योहारों के चलते कार्यदिवसों की संख्या में कमी आना है। यह जानकारी सोमवार को सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा साझा की गई।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के अनुसार, भारत की औद्योगिक विकास दर सितंबर और अगस्त में क्रमशः 4 प्रतिशत और 3.5 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 3.5 प्रतिशत और जून में 1.5 प्रतिशत थी।
अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन काफी मजबूत रहा है, जिसमें पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
इस महीने में 23 में से 9 औद्योगिक समूहों ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। जिन तीन समूहों ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया, उनमें मैन्युफैक्चरिंग ऑफ बेसिक मेटल्स समूह ने 6.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इसके अलावा, मैन्युफैक्चरिंग ऑफ कोक एंड रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत और मैन्युफैक्चरिंग ऑफ मोटर व्हीकल्स, ट्रेलर्स और सेमी-ट्रेलर्स की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रही है।
हालांकि, अक्टूबर में माइनिंग और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की वृद्धि दर क्रमशः -1.8 प्रतिशत और -6.9 प्रतिशत रही है।
सरकार ने बताया कि बारिश और तापमान में गिरावट के कारण बिजली की मांग कम रही, जिससे बिजली का उत्पादन भी घटा है।
कैपिटल गुड्स सेक्टर में सालाना आधार पर 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसमें वह मशीनें शामिल हैं, जो फैक्ट्रियों में उपयोग होती हैं। इस बिक्री में वृद्धि यह दर्शाती है कि देश में निवेश बढ़ रहा है, जिससे भविष्य में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
सरकार की ओर से बड़े प्रोजेक्ट्स पर ध्यान केंद्रित करने के कारण इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर की वृद्धि दर सालाना आधार पर 7.1 प्रतिशत रही है। इन बड़े प्रोजेक्ट्स में हाइवे, रेलवे और पोर्ट्स शामिल हैं।