क्या गयाजी में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सनातनी राजनीति का शंखनाद किया है?

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क्या गयाजी में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सनातनी राजनीति का शंखनाद किया है?

सारांश

गयाजी में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गौ भक्त उम्मीदवारों के साथ मिलकर बिहार विधानसभा चुनाव में सनातनी राजनीति की नई राह दिखाई है। क्या यह चुनाव भारतीय संस्कृति की दिशा में एक बड़ा कदम होगा?

Key Takeaways

  • गौ माता का संरक्षण भारतीय संस्कृति का आधार है।
  • सनातनी राजनीति का महत्व बढ़ता जा रहा है।
  • गौ भक्त उम्मीदवारों का चुनाव में उतारना एक नई पहल है।
  • राजनीतिक दलों को गौ माता के मुद्दे पर स्पष्टता लानी चाहिए।
  • गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग तेज हो रही है।

गयाजी, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गयाजी में गौ मतदाता संकल्प यात्रा के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव में सनातनी राजनीति की शुरुआत करने का ऐलान किया।

उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों में गौ भक्त उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे और वे स्वयं इनका प्रचार करेंगे। शंकराचार्य ने सनातनी हिंदुओं से अपील की कि वे गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए गौ भक्त उम्मीदवारों को वोट दें।

शंकराचार्य ने कहा, “सनातन धर्म की रक्षा तभी संभव है जब हम गौ माता का संरक्षण करें। गौ रक्षा केवल हमारी आस्था का विषय नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति और समाज की आधारशिला है।”

उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में केवल उन उम्मीदवारों को वोट दें जो गौ रक्षा के प्रति स्पष्ट और दृढ़ संकल्प रखते हों।

शंकराचार्य ने बताया कि उन्होंने सभी प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के दिल्ली कार्यालयों से संपर्क किया और गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए उनका पक्ष लोकसभा में पेश करने की मांग की। हालांकि, किसी भी दल ने इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इस कारण, उन्होंने मजबूरी में बिहार विधानसभा चुनाव में गौ भक्त उम्मीदवारों को उतारने का फैसला किया।

उन्होंने कहा, “हम भारतीय संस्कृति, धर्म और गौ माता के साथ हैं। हमारा उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि गौ माता की रक्षा करना है।”

उन्होंने कहा, “पिछले १२ सालों में हमने हिंदू समुदाय की ताकत देखी है। यह केवल माहौल बनाने की बात नहीं थी, बल्कि हिंदू समुदाय ने वास्तव में एकजुटता दिखाई है।”

शंकराचार्य ने कांग्रेस पार्टी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बैलों की जोड़ी को अपने चुनाव चिह्न के रूप में चुना और जनता के वोट को अपनी ताकत बनाया। लेकिन बाद में, जब उनकी ताकत कमजोर हुई, तब भी उन्होंने गौ माता के मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

उन्होंने कहा, “जो लोग सत्ता में हैं, उनके पास गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने की शक्ति है, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे। यह उनकी कमी है, हमारी नहीं।”

शंकराचार्य ने घोषणा की कि बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों में गौ भक्त उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद औपचारिक रूप से उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य गौ माता की रक्षा और सनातन धर्म को मजबूत करना है।

उन्होंने कहा, “हमें यह तय करना है कि क्या हम गौ माता की रक्षा करेंगे या किसी को नुकसान पहुंचाएंगे। हमारा लक्ष्य रक्षा करना है।”

Point of View

यह कहना उचित होगा कि गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने का मुद्दा भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का यह कदम सनातन धर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह चुनाव में कितनी प्रभावी भूमिका निभाएगा।

NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

गयाजी में शंकराचार्य का क्या ऐलान हुआ?
गयाजी में शंकराचार्य ने गौ भक्त उम्मीदवारों के साथ मिलकर बिहार विधानसभा चुनाव में सनातनी राजनीति की शुरुआत करने का ऐलान किया।
शंकराचार्य ने गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने की अपील क्यों की?
उन्होंने कहा कि गौ माता की रक्षा ही सनातन धर्म की रक्षा है और यह हमारी संस्कृति की आधारशिला है।
किस तरह के उम्मीदवार चुनाव में उतरेंगे?
बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों में गौ भक्त उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे और शंकराचार्य स्वयं उनका प्रचार करेंगे।
कांग्रेस पार्टी पर शंकराचार्य ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गौ माता के मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठाए, जबकि उनके पास इस विषय में निर्णय लेने की शक्ति थी।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का उद्देश्य क्या है?
उनका उद्देश्य गौ माता की रक्षा करना और सनातन धर्म को मजबूत करना है।