क्या ‘मिशन बाल वार्ता’ से छात्रों को मिल रही है प्रेरणा?

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क्या ‘मिशन बाल वार्ता’ से छात्रों को मिल रही है प्रेरणा?

सारांश

गुजरात सरकार का 'मिशन बाल वार्ता' कार्यक्रम बच्चों की रचनात्मकता को निखारने के लिए कई प्रयास कर रहा है। मेहसाणा में आयोजित कहानी लेखन प्रतियोगिता ने छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक अनोखा मंच प्रदान किया है। इस पहल से बच्चों का आत्मविश्वास और साहित्यिक कौशल दोनों में सुधार हो रहा है।

Key Takeaways

  • मिशन बाल वार्ता बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद कर रहा है।
  • प्रतियोगिता में भाग लेकर बच्चों ने अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित किया।
  • सरकार की पहल से बच्चों को साहित्यिक कौशल में सुधार हो रहा है।

मेहसाणा, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात सरकार बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए मिशन बाल वार्ता कार्यक्रम के अंतर्गत कई पहल कर रही है। इसी कड़ी में मेहसाणा जिले के खेरवा क्लस्टर में सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में 9 स्कूलों के बच्चों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

कई बच्चों की कहानियों को उनके रचनात्मक कौशल के लिए चुना गया, जिससे वे बेहद उत्साहित और खुश हैं। सरकार की यह पहल न केवल बच्चों की सृजनात्मकता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी मजबूत कर रही है।

मिशन बाल वार्ता के तहत गुजरात सरकार का यह प्रयास स्कूली बच्चों को अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र कृष्णा गढ़वी ने उत्साह के साथ बताया कि मेरे स्कूल में बाल वार्ता प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें मेरी कहानी पसंद की गई है। मेरी कहानी साहित्य बाल पुस्तक में छपेगी, इसको लेकर मुझे बहुत खुशी है।

विद्यार्थियों का कहना है कि मिशन बाल वार्ता ने उन्हें अपनी रचनात्मकता दिखाने का अवसर दिया और इससे उनकी प्रेरणा में भी इजाफा हुआ है। यह कार्यक्रम बच्चों के साहित्यिक कौशल को निखारने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

छात्रा दीया गाडिया ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जिसकी भी अच्छी कहानी थी, उनकी कहानी को चुनकर प्रेरित किया गया। मेरी कहानी को भी चुना गया, मुझे काफी अच्छा लग रहा है। मैं आगे कहानी लेखन में जाना चाहती हूं और मुझे ऐसी प्रतियोगिताओं से काफी प्रेरणा मिलेगी।

प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों की 21 कहानियों को मानकों के अनुरूप पाया गया। शिक्षा विभाग अब इन कहानियों को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करेगा।

प्रतियोगिता के दौरान खेरवा प्राथमिक कुमार शाला में प्रतिभागी बच्चों का संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, साथ ही शिक्षकों की ओर से उन्हें बेहतर लेखन की सीख भी दी गई। गुजरात सरकार का मिशन बाल वार्ता कार्यक्रम स्कूल स्तर पर विद्यार्थियों के कौशल को तराशने में बेहद कारगर साबित हो रहा है।

सीआरसी कॉर्डिनेटर हेतलबेन मेहता ने बताया, “9 स्कूलों के बच्चों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिनमें से 21 बच्चों की कहानियों को मैंने पसंद किया। कुछ ही समय में एक पुस्तक प्रकाशित होने वाली है, जिसमें इन बच्चों की कहानियों को जगह दी गई है।

Point of View

बल्कि उन्हें आत्मविश्वास भी प्रदान करते हैं। यह पहल शिक्षा के स्तर पर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सभी बच्चों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में अग्रसर है।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

मिशन बाल वार्ता क्या है?
मिशन बाल वार्ता गुजरात सरकार का एक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य बच्चों की रचनात्मकता और आत्मविश्वास को बढ़ाना है।
कहानी लेखन प्रतियोगिता में कितने स्कूलों ने भाग लिया?
प्रतियोगिता में 9 स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया।
प्रतियोगिता के दौरान कितनी कहानियों को चुना गया?
प्रतियोगिता के दौरान 21 कहानियों को मानकों के अनुरूप पाया गया।
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