क्या घर में पकाई वेज और नॉन वेज थाली जून में सस्ती हुई?

सारांश
Key Takeaways
- जून में शाकाहारी थाली की कीमत में 8 प्रतिशत की गिरावट।
- मांसाहारी थाली की कीमत में 6 प्रतिशत की कमी।
- सब्जियों की कीमतों में कमी का असर थाली की लागत पर।
- आने वाले महीनों में कीमतों में वृद्धि की संभावना।
- प्याज की कीमतों में हल्की वृद्धि की उम्मीद।
नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जून में घर में तैयार की गई शाकाहारी और मांसाहारी थालियों के मूल्य में सालाना आधार पर क्रमशः 8 प्रतिशत और 6 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह जानकारी मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में सामने आई।
क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, शाकाहारी थाली की कीमत में यह कमी सब्जियों की कीमतों में तेजी से कमी के कारण हुई है।
क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुषन शर्मा ने कहा, "सब्जियों की कीमतों में नरमी के चलते जून में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों थालियों की कीमत में सालाना आधार पर गिरावट आई है। विशेष रूप से टमाटर की कीमतों में सालाना आधार पर उल्लेखनीय कमी देखी गई।"
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, आने वाले महीनों में मौसमी बदलावों के चलते सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिससे थाली की लागत में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी की संभावना है। प्याज की कीमतों में भी हल्की वृद्धि की संभावना है, क्योंकि ताजा आपूर्ति नहीं हो रही है और संग्रहित रबी स्टॉक को संयम से जारी किया जा रहा है।
गर्मी में कम बुआई के कारण टमाटर की कीमतों में क्रमिक वृद्धि संभव है, जिससे थाली की लागत पर दबाव बढ़ सकता है।
जून 2024 में 42 रुपए प्रति किलोग्राम से जून 2025 में टमाटर की कीमतें सालाना आधार पर 24 प्रतिशत गिरकर 32 रुपए प्रति किलोग्राम हो गईं।
उच्च आधार पर आलू और प्याज की कीमतों में क्रमशः 20 प्रतिशत और 27 प्रतिशत की गिरावट आई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्जियों की कम कीमतों के साथ ही, ब्रॉयलर की कीमतों में अनुमानित 3 प्रतिशत की वार्षिक कमी ने मांसाहारी थाली की लागत को कम कर दिया, जो मांसाहारी थाली की लागत का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है।
जून 2025 में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों थालियों की कीमत में मासिक आधार पर क्रमशः 3 प्रतिशत और 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है। मासिक परिवर्तन आम जनता के खर्च पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाता है।