क्या नवंबर में घर पर पकाई जाने वाली शाकाहारी और मांसाहारी थाली की लागत 13 प्रतिशत सस्ती हुई?

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क्या नवंबर में घर पर पकाई जाने वाली शाकाहारी और मांसाहारी थाली की लागत 13 प्रतिशत सस्ती हुई?

सारांश

इस साल नवंबर में सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट के चलते घर पर पकाई जाने वाली शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की लागत में 13 प्रतिशत की कमी आई है। क्या यह स्थिति बाजार को प्रभावित करेगी? जानें इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • नवंबर में शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की लागत में 13 प्रतिशत की गिरावट।
  • सब्जियों और दालों की कीमतों में कमी का प्रमुख कारण।
  • ब्रॉयलर की कीमतों में 12 प्रतिशत की कमी।
  • आलू और प्याज की कीमतों में वृद्धि की संभावना।
  • आयात शुल्क में बदलाव से दालों की कीमतों पर प्रभाव पड़ सकता है।

नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष नवंबर में सब्जियों और दालों की कीमतों में कमी के कारण घर पर पकाई जाने वाली शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की लागत में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।

क्रिसिल इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक आपूर्ति के चलते टमाटर की कीमत में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत की कमी आई और उच्च आधार के कारण आलू की कीमत 29 प्रतिशत कम हो गई। पिछले सीजन की रबी स्टॉक में वृद्धि और निर्यात में कमी के कारण प्याज की कीमतों में 53 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल देखा गया।

रिपोर्ट में बताया गया है कि स्टॉक में वृद्धि और बंगाल चना, पीली मटर और काले चने के भारी आयात के कारण दालों की कीमत में 17 प्रतिशत की गिरावट आई।

हालांकि, शाकाहारी थाली की लागत में मासिक आधार पर 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि दूसरी ओर, नवंबर में मांसाहारी थाली की लागत में 1 प्रतिशत की गिरावट आई।

क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा ने कहा, "मीडियम टर्म में खरीफ की कटाई में देरी और कम उत्पादकता के कारण प्याज की कीमतों में वृद्धि की संभावना है। हालांकि, आलू की कीमतों में कमी देखी जा सकती है क्योंकि कोल्ड स्टोरेज स्टॉक बाजार में आ रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "फर्म ने अनुमान लगाया है कि पीली मटर पर 30 प्रतिशत आयात शुल्क के कारण निकट भविष्य में दालों की कीमतें सीमित स्तर पर रहेंगी। इसके अतिरिक्त, काले चने का अप्रतिबंधित आयात भी दालों की कीमतों को सीमित रखेगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि आयात शुल्क वृद्धि जैसे किसी भी नीतिगत हस्तक्षेप से दालों की कीमतों पर अधिक दबाव पड़ सकता है।

फेस्टिव सीजन में उच्च मांग के कारण वेजिटेबल ऑयल की कीमतों में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इसके अलावा, एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में भी 6 प्रतिशत की सालाना वृद्धि ने समग्र थाली की लागत में गिरावट को सीमित किया।

दूसरी ओर, मांसाहारी थाली की लागत में गिरावट का कारण ब्रॉयलर की कीमतों में कमी थी। ब्रॉयलर की कीमत में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की गिरावट आई, जो कि मांसाहारी थाली की लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा है।

घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर निकाली जाती है। जहां कीमतों में मासिक बदलाव आम आदमी के खर्च पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाता है।

Point of View

NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

नवंबर में शाकाहारी थाली की लागत में कमी का क्या कारण है?
सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट के कारण शाकाहारी थाली की लागत में कमी आई है।
क्या मांसाहारी थाली की लागत भी कम हुई है?
जी हां, मांसाहारी थाली की लागत में भी गिरावट आई है, विशेषकर ब्रॉयलर की कीमतों में कमी के कारण।
क्या यह गिरावट स्थायी है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट स्थायी नहीं हो सकती, और अगले कुछ महीनों में कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है।
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