क्या लोकसभा में अमित शाह के सामने बिल फाड़कर उछालना विपक्ष का निंदनीय कृत्य है?

सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष का कृत्य निंदनीय है।
- संविधान संशोधन बिल पर भाजपा का रुख स्पष्ट है।
- लोकतंत्र में विरोध का अधिकार है, लेकिन इसे उचित तरीके से व्यक्त किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा ने लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में बिल की कॉपियों को फाड़कर फेंकने के मामले में विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया है। भाजपा सांसदों ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा किया गया यह कृत्य अत्यंत निंदनीय है।
संविधान संशोधन बिल पर विपक्ष के हंगामे के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कांग्रेस को इस बिल से इतनी परेशानी क्यों हो रही है? उनके पास केवल तीन राज्यों में मुख्यमंत्री हैं। इस बिल के कारण भाजपा को टेंशन ज्यादा होनी चाहिए, क्योंकि प्रधानमंत्री से लेकर कई राज्यों में मुख्यमंत्री भाजपा और एनडीए के हैं। उन्होंने कहा कि देश में उचित तरीके से व्यवहार होना चाहिए, इसलिए सरकार ने यह बिल पेश किया है और हम इसे पारित कराकर रहेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार नैतिकता की दृष्टि से यह बिल लेकर आई है। जी किशन रेड्डी ने याद दिलाया कि लालू प्रसाद यादव को जेल से बचाने के लिए उनकी सरकार ने अध्यादेश लाया था, जिसे राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाड़कर फेंका था।
विपक्षी सांसदों द्वारा बिल की कॉपी फाड़ने पर केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इसकी निंदा की। उन्होंने कहा, "इसकी जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है। लोकतंत्र में विपक्ष की अपनी एक भूमिका होती है, और यह सकारात्मक होनी चाहिए। यदि मतभेद हैं, तो सदन में उचित तरीके से अपनी बात रखी जानी चाहिए, लेकिन जिस प्रकार का व्यवहार विपक्ष ने दिखाया है, वह अस्वीकार्य है।"
संविधान संशोधन बिल पर भाजपा सांसद दामोदर अग्रवाल ने कहा, "यह कानून के शासन को बनाए रखने का एक ईमानदार प्रयास है और यह जनता की भावनाओं के अनुरूप है। हालांकि, 'इंडी' गठबंधन उन लोगों के साथ सरकार चलाना चाहता है जो जेल में हैं, इसी कारण से वे परेशान हैं।"
सदन में विपक्ष के व्यवहार पर भाजपा सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह से लोकतंत्र का मजाक उड़ाया है, वह उनके परिवार की पुरानी आदतों के अनुरूप है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा किया गया यह कृत्य निंदनीय है।
भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि सभी दल अपनी सीटों से विरोध कर रहे थे, जो गलत नहीं है, लेकिन कुछ सांसद जानबूझकर वेल में आ गए और जानबूझकर कागज फाड़ने लगे।
संविधान संशोधन बिल पर भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि यह विधेयक सभी राजनीतिक दलों के खिलाफ नहीं, बल्कि सरकारों के खिलाफ है। चाहे वह केंद्र की सरकार हो या राज्यों में भाजपा और गैर-भाजपा सरकारें हों, वहां उच्च पदों पर रहने वाले प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को बेल नहीं मिलने पर इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसी कारण से सरकार ने यह बिल पेश किया है।