क्या मणिपुर भाजपा विधायक दल की दिल्ली में बैठक से शांति प्रक्रिया में सुधार होगा?

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क्या मणिपुर भाजपा विधायक दल की दिल्ली में बैठक से शांति प्रक्रिया में सुधार होगा?

सारांश

मणिपुर भाजपा विधायक दल की बैठक ने हिंसा प्रभावित राज्य में शांति प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण चर्चाएँ की। क्या नई सरकार का गठन हो सकेगा?

Key Takeaways

  • बैठक में शांति प्रक्रिया पर चर्चा की गई।
  • नई सरकार के गठन के बारे में अटकलें तेज हुईं।
  • भाजपा विधायकों की एकजुटता महत्वपूर्ण है।
  • मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।
  • भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की भूमिका बढ़ी।

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर भाजपा विधायक दल ने रविवार को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें हिंसा प्रभावित राज्य से जुड़े शांति प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। एक पार्टी नेता ने इंफाल से यह जानकारी दी।

बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और असेंबली स्पीकर थोकचोम सत्यब्रत सिंह समेत 30 से अधिक विधायक शामिल हुए।

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में केंद्र के दो वरिष्ठ भाजपा नेता, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और पार्टी के नॉर्थ-ईस्ट कोऑर्डिनेटर संबित पात्रा भी उपस्थित थे।

भाजपा ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट में कहा, "मणिपुर भाजपा विधायक दल की बैठक आज दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और पार्टी के नॉर्थ-ईस्ट कोऑर्डिनेटर संबित पात्रा की मौजूदगी में हुई। इस बैठक में मणिपुर में शांति और प्रगति पर चर्चा हुई।"

पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और विधानसभा स्पीकर सत्यब्रत सिंह ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा बुलाई गई इस बैठक में भाग लेने के लिए शनिवार को दिल्ली गए थे।

भाजपा नेताओं ने पहले संकेत दिया था कि रविवार की इस महत्वपूर्ण बैठक में चर्चा सरकार गठन के इर्द-गिर्द घूमने की संभावना है।

नई सरकार के गठन के बारे में बढ़ती अटकलों और पार्टी के बड़ी संख्या में विधायकों और नेताओं की अगली सरकार बनाने की बढ़ती मांगों के बीच, यह बैठक एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम रही।

दिल्ली जाने से पहले, पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा था कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के हर भाजपा विधायक को बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया था।

मणिपुर विधानसभा में कुल 60 सदस्य हैं, जिनमें भाजपा के 37 विधायक शामिल हैं।

ज्ञात हो कि मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है, जो एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के चार दिन बाद लागू हुआ था। 60 सदस्यों वाली विधानसभा, जिसे राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद निलंबित कर दिया गया है, उसका कार्यकाल 2027 तक है।

आगामी चुनावों के संदर्भ में, बीएल संतोष और संबित पात्रा पिछले महीने तीन दिनों के लिए मणिपुर गए थे। इस दौरान उन्होंने राज्य पार्टी नेताओं और विधायकों के साथ कई बैठकें कीं, जिससे इस पूर्वोत्तर राज्य में नई सरकार बनने की संभावनाओं पर चर्चा हुई।

अक्टूबर में एन बीरेन सिंह समेत 26 भाजपा विधायकों ने दिल्ली में बीएल संतोष और संबित पात्रा से मुलाकात की थी और उनसे मणिपुर में एक लोकप्रिय सरकार बनाने का आग्रह किया था।

पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने हाल ही में कहा कि मणिपुर में सभी भाजपा विधायक राज्य में एक लोकप्रिय सरकार बनाने की कोशिशों में एकजुट हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार बनाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, लेकिन विधायकों द्वारा व्यक्त की गई व्यक्तिगत राय पर टिप्पणी करने से उन्होंने मना कर दिया।

Point of View

भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर एक स्थायी समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

मणिपुर में भाजपा विधायक दल की बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
बैठक का मुख्य उद्देश्य हिंसा प्रभावित राज्य में शांति प्रक्रिया और नए सरकार के गठन पर चर्चा करना था।
बैठक में कौन-कौन शामिल थे?
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, विधानसभा स्पीकर सत्यब्रत सिंह और 30 से अधिक विधायक शामिल हुए।
क्या बैठक का कोई विशेष महत्व था?
जी हाँ, यह बैठक मणिपुर की राजनीतिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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