क्या मिग-21 ने अपनी गर्जना से पाकिस्तान में दहशत फैलाई?

सारांश
Key Takeaways
- मिग-21 ने 62 वर्षों तक भारत की रक्षा की।
- मिग-21 की अंतिम उड़ान 26 सितंबर को हुई।
- वायुसेना में तेजस का आगमन हो रहा है।
- मिग-21 ने कई युद्धों में भाग लिया।
- यह विदाई समारोह भारतीय वायुसेना के इतिहास का एक भावनात्मक अध्याय है।
चंडीगढ़, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 1965 और 1971 के युद्धों में पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने वाले मिग-21 लड़ाकू विमान ने 62 वर्षों की सेवा के बाद अपने इतिहास के पन्नों में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। शुक्रवार को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने चंडीगढ़ एयरबेस से मिग-21 की अंतिम उड़ान भरी। अब देश का हल्का लड़ाकू विमान तेजस मिग-21 की जगह लेने के लिए तैयार है।
चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर आयोजित विदाई समारोह में 23 स्क्वाड्रन के अंतिम मिग-21 जेट विमानों (पैंथर्स) को भावभीनी विदाई दी गई। समारोह के दौरान मिग-21 को वाटर कैनन से सलामी दी गई।
उड़ान भरने वाले पायलटों में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा भी शामिल थीं, जो मिग-21 उड़ाने वाली आखिरी महिला पायलट हैं।
इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपस्थित रहे।
समारोह के दौरान ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारतीय वायुसेना में मिग-21 से उड़ान भरने के अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी भी शामिल हुए।
इस अवसर पर मिग-21 के अन्य पायलटों ने भी भावुक क्षण साझा किए।
विंग कमांडर दिलबाग सिंह ने मिग-21 के पहले स्क्वाड्रन, संख्या 28 का नेतृत्व किया था। इसे 'फर्स्ट सुपरसोनिक्स' के नाम से जाना जाता था। इसकी स्थापना 2 मार्च, 1963 को चंडीगढ़ में हुई थी। बाद में दिलबाग सिंह एयर चीफ मार्शल और चीफ ऑफ एयर स्टाफ भी बने।
मिग-21 ने भारत और पाकिस्तान के बीच 1965, 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आसमान में इसकी गर्जना ने दुश्मन के मनोबल को तोड़ने में सहायता की।
सोवियत काल का मिग-21 बाइसन 2019 में तब चर्चा में आया जब ग्रुप कैप्टन अभिनंदन ने बालाकोट हमले के एक दिन बाद पाकिस्तानी वायुसेना के सबसे उन्नत एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया।
अधिकारियों के अनुसार, यह विदाई समारोह भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास में एक भावनात्मक अध्याय है, जिसकी वीरता और सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा।
भारतीय वायुसेना ने मिग-21 की सेवानिवृत्ति पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "छह दशकों की सेवा, साहस की अनगिनत कहानियां, एक ऐसा योद्धा जिसने राष्ट्र के गौरव को आसमान में पहुंचाया।"