क्या नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर के ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- गिरोह का भंडाफोड़ करने में पुलिस की सक्रियता महत्वपूर्ण है।
- साइबर अपराध के मामलों में जागरूक रहना जरूरी है।
- फर्जी कॉल सेंटरों से सावधानी बरतें।
- व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें।
- धोखाधड़ी की घटनाओं की रिपोर्ट करें।
नोएडा, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा के साइबर क्राइम थाना, सर्विलांस टीम और फेज-1 पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में लोन दिलाने के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर के जरिये लोगों से ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। इस मामले में 11 अभियुक्तों को नोएडा सेक्टर-16 से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण और अनधिकृत डाटा बरामद किया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्तों में विक्रम सिंह, अमन, केशव कुमार झा, अरमान चौधरी, मोहित, राहुल सिंह, फिरोज खान, राहुल कुमार, अक्षय कुमार मिश्रा, पंकज सिंह और दिव्या शामिल हैं। सभी आरोपी दिल्ली, गाजियाबाद, आगरा और नोएडा के निवासी हैं।
पुलिस ने अभियुक्तों के पास से 43 लैंडलाइन फोन, 21 मोबाइल, 5 लैपटॉप, 61 सिम कार्ड, 36 सिम कार्ड के खाली लिफाफे और 2,054 पेजों का ग्राहकों का अनधिकृत डाटा बरामद किया है। यह डाटा 10 फाइलों में संग्रहित था।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अनधिकृत तरीके से लोगों का डाटा एकत्र करते थे, जिसमें नाम, पता, मोबाइल नंबर और जन्मतिथि जैसी व्यक्तिगत जानकारियां शामिल होती थीं। इसके बाद कस्टमर को फोन कर शून्य प्रतिशत पर ब्याज पर लोन देने का लालच दिया जाता था। फिर उन्हें लोन, रजिस्ट्रेशन और जीएसटी के नाम पर भुगतान करने के लिए कहा जाता था।
भुगतान के बाद, ग्राहक के नाम पर बीमा पॉलिसी करवा दी जाती थी और पैसे बीमा कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर दिए जाते थे। इसके बदले गैंग बीमा कंपनियों से 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक का कमीशन प्राप्त करता था। इस प्रकार, लोग लोन के नाम पर धोखा खा जाते थे।
पुलिस के अनुसार, कॉल सेंटर का संचालन गौरव जोशी और उसकी पत्नी नेहा कर रहे थे, जो मौके से फरार हैं। उनके खिलाफ भी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। फोन की आईएमईआई जांच में पता चला है कि कुछ डिवाइसों पर बेंगलुरु से शिकायत दर्ज है।
इसके अलावा, व्हाट्सएप चैट से ऐसे वेंडर्स की जानकारी मिली है, जो लाखों भारतीय नागरिकों का डाटा एक्सेल शीट में उपलब्ध करवा रहे थे। इस मामले में थाना फेज-1 पुलिस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है।