क्या पंजाब सरकार की बिजली नीति में पारदर्शिता की कमी है?

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब सरकार की बिजली नीति में पारदर्शिता की कमी है।
- रवनीत बिट्टू ने आम आदमी पार्टी पर कड़ा प्रहार किया।
- हलवारा एयरपोर्ट केंद्र सरकार के फंड से बना है।
- बिलिंग सिस्टम में कमी के कारण आम जनता को परेशानी हो सकती है।
- राजनीतिक दलबदल की समस्या भी सामने आई है।
लुधियाना, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने सोमवार को लुधियाना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने पंजाब सरकार की बिजली नीति में उठे हालिया विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बदलाव पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है और इससे जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
बिट्टू ने कहा कि यह अब स्पष्ट नहीं है कि जिनकी ज़रूरतें कम हैं, उन्हें कितना बिल मिलेगा और जिनकी ज़रूरतें अधिक हैं, उन्हें क्या लाभ होगा। उन्होंने प्रश्न उठाया कि ऐसी व्यवस्था में आम जनता को कैसे राहत मिलेगी।
राज्यसभा सदस्य एवं आप के प्रत्याशी संजीव अरोड़ा पर भी उन्होंने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अरोड़ा केंद्र सरकार से फंड लेकर विकास कार्य करवा रहे हैं, लेकिन श्रेय अपनी पार्टी को दे रहे हैं। उन्होंने प्रश्न किया कि जब काम केंद्र सरकार की मदद से हो रहे हैं, तो आप इसके लिए वाहवाही क्यों ले रही हैं?
हलवारा एयरपोर्ट के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि यह एयरपोर्ट पूरी तरह से केंद्र सरकार के फंड से बना है, लेकिन आप इसे भी अपना कारनामा बताने में लगी हैं। खुद अरोड़ा यह स्वीकार कर चुके हैं कि एयरपोर्ट केंद्र के पैसों से बना है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि अरोड़ा राज्यसभा सदस्य होते हुए केंद्र से पैसे मांग सकते हैं, तो बतौर विधायक उन्हें मुख्यमंत्री से पैसे मांगने पड़ेंगे जो उन्हें शायद ही मिलें।
रवनीत बिट्टू ने हलवारा एयरपोर्ट के निर्माण के लिए कांग्रेस नेता डॉ. अमर सिंह को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह उस समय क्षेत्रीय विकास के चेयरमैन और कांग्रेस सरकार का हिस्सा थे। उन्हीं के प्रयासों से यह प्रोजेक्ट संभव हुआ।
बलवंत सिंह रामूवालिया के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए बिट्टू ने कहा कि वह एक दलबदलू नेता हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रामूवालिया ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की मदद की थी, लेकिन आज वह किसी और पार्टी में हैं, और कल किसी और में होंगे।
शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के बीच संभावित गठबंधन पर पूछे गए सवाल पर बिट्टू ने कहा कि ऐसा कोई गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि 2026 तक अकाली दल के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो जाएंगे। इसका कारण यह है कि अब कोई भी नेता सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व को स्वीकार नहीं कर रहा है।