क्या रमा एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं?

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क्या रमा एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं?

सारांश

16 अक्टूबर को मनाई जाने वाली रमा एकादशी, विशेषकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को समझें और जानें कि कैसे यह व्रत आपके जीवन में सुख-समृद्धि ला सकता है।

Key Takeaways

  • रमा एकादशी का व्रत सुख-समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विधिपूर्वक करें।
  • दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
  • यह व्रत आर्थिक तंगी दूर करने में सहायक है।
  • वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाने के लिए इसे करें।

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में रमा एकादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन सूर्य दोपहर 1 बजकर 54 मिनट से कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और इसके बाद तुला राशि में गोचर करेंगे। साथ ही, चंद्रमा सिंह राशि में स्थित रहेंगे।

द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय सुबह 10 बजकर 40 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 6 मिनट तक रहेगा।

रमा एकादशी का पर्व 16 अक्टूबर शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से आरंभ होकर 17 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 12 मिनट तक चलेगा, जिसके बाद द्वादशी का आरंभ होगा।

ब्रह्म-वैवर्त पुराण में भगवान श्रीकृष्ण और युधिष्ठिर के संवाद में रमा एकादशी की महिमा का वर्णन किया गया है। वहीं, पद्म पुराण में इसे अत्यधिक शक्तिशाली और पुण्यदायी बताया गया है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है, जीवन में सुख-शांति आती है और धन-संपदा में वृद्ध‍ि होती है। यह व्रत आर्थिक तंगी दूर करने और वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाने के लिए विशेष रूप से प्रभावी माना गया है।

रमा एकादशी का व्रत विधि-विधान से करने के लिए ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें फूल, चंदन, और धूप अर्पित करें। इसके साथ तुलसी पत्र और मिठाई का भोग लगाएं और घी का दीपक जलाकर श्रद्धा-भाव से भगवान की आरती करें। पूजा के दौरान लाल कपड़े में पांच कौड़ियां बांधकर माता लक्ष्मी को अर्पित करें और इसे तिजोरी या पर्स में रखें। इससे धन की कमी दूर होती है।

वैवाहिक जीवन में सुख के लिए तुलसी माता की पूजा करें और देसी घी का दीपक जलाएं। इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, या धन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। रमा एकादशी का व्रत न केवल आध्यात्मिक बल्कि भौतिक सुखों को भी प्रदान करता है। इस शुभ दिन पूजा और उपायों से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को समृद्ध बनाएं।

Point of View

बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का भी प्रतीक है।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

रमा एकादशी कब है?
रमा एकादशी 16 अक्टूबर 2023 को है।
रमा एकादशी का महत्व क्या है?
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि और धन में वृद्धि होती है।
क्या रमा एकादशी का व्रत सभी को करना चाहिए?
जी हां, यह व्रत सभी जातियों और समुदायों के लिए लाभदायक है।
रमा एकादशी की पूजा विधि क्या है?
ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें, फिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
इस दिन दान का महत्व क्या है?
जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।