क्या आरबीआई ने वैश्विक अनिश्चितता के बीच निर्यातकों की मदद के लिए फॉरेक्स नियमों को सरल किया?

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क्या आरबीआई ने वैश्विक अनिश्चितता के बीच निर्यातकों की मदद के लिए फॉरेक्स नियमों को सरल किया?

सारांश

आरबीआई ने निर्यातकों के लिए फॉरेन एक्सचेंज नियमों को आसान बनाने की घोषणा की है, जिससे विदेशी मुद्रा आय की वापसी की समय सीमा में विस्तार किया गया है। क्या यह कदम व्यापारियों के लिए लाभकारी साबित होगा?

Key Takeaways

  • आरबीआई ने विदेशी मुद्रा आय की वापसी की समय सीमा को तीन महीने किया।
  • मर्चेंटिंग ट्रेड ट्रांजेक्शन के लिए विदेशी मुद्रा व्यय की अवधि अब छह महीने है।
  • नियमों में संशोधन जल्द ही अधिसूचित किए जाएंगे।
  • भारतीय व्यापारियों के लिए यह राहत का कदम है।

मुंबई, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक अनिश्चितता के चलते आरबीआई ने बुधवार को निर्यातकों के लिए फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट नियमों में सरलता लाने का निर्णय लिया। इस पहल में विदेशी मुद्रा आय के लौटने की समय सीमा में विस्तार शामिल है।

आधिकारिक घोषणा में बताया गया कि यदि किसी के पास भारत के आईएफएससी में विदेशी मुद्रा खाता है, तो यह सीमा बढ़कर तीन महीने हो जाएगी, जबकि पहले यह एक महीने थी। इससे भारतीय निर्यातकों को आईएफएससी बैंकिंग यूनिट्स में खाता खोलने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और साथ ही आईएफएससी में विदेशी मुद्रा की तरलता में भी वृद्धि होगी। नियमों में यह संशोधन जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।

जनवरी 2025 में, आरबीआई ने भारतीय निर्यातकों को विदेश में किसी बैंक में विदेशी मुद्रा खाता खोलने की अनुमति दी थी। इन खातों में जमा राशि का उपयोग आयात भुगतान के लिए किया जा सकता है या फिर इसे प्राप्ति की तिथि से अगले महीने के अंत तक वापस भेजा जा सकता है।

इसके अलावा, मर्चेंटिंग ट्रेड ट्रांजेक्शन (एमटीटी) के लिए अब विदेशी मुद्रा व्यय की अवधि को चार महीने से बढ़ाकर छह महीने करने का निर्णय लिया गया है। इस छूट से भारतीय व्यापारियों को अपने व्यावसायिक लेनदेन को कुशलतापूर्वक पूरा करने में मदद मिलेगी।

आरबीआई ने बताया कि नियमों में संशोधन जल्द ही अधिसूचित किए जाएंगे। यह कदम वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण व्यापार में आ रही चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

आरबीआई ने भारत में ब्रांच ऑफिस, कॉन्‍टैक्‍ट ऑफिस, प्रोजेक्ट ऑफिस या किसी अन्य व्यावसायिक स्थान की स्थापना के नियमों को भी सरल बनाया है। 2016 में जारी किए गए मौजूदा नियमों की व्यापक समीक्षा की गई है।

आधिकारिक बयान में यह भी कहा गया कि संशोधित नियम सिद्धांत-आधारित होंगे, जिससे बैंकों को अधिक शक्तियां मिलेंगी और अनुपालन का भार कम होगा। इससे भारत में व्यापार करना और भी आसान होगा। मसौदा नियम जल्द ही जारी किए जाएंगे।

Point of View

बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई ने फॉरेक्स नियमों में क्या बदलाव किए हैं?
आरबीआई ने विदेशी मुद्रा आय की वापसी की समय सीमा को तीन महीने तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
इससे निर्यातकों को क्या लाभ होगा?
इससे निर्यातकों को आईएफएससी में खाता खोलने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और विदेशी मुद्रा की तरलता बढ़ेगी।
क्या यह कदम व्यापार में सुधार करेगा?
हां, यह कदम व्यापारियों को समय पर अपने कॉन्ट्रैक्ट के दायित्वों को पूरा करने में सहायता करेगा।