क्या आप जानते हैं बर्थडे स्पेशल: 'शौर्य चक्र' से सम्मानित वो सैनिक, जिसने भारत को एशियन गेम्स में दिलाए मेडल?

सारांश
Key Takeaways
- होमी डैडी मोतीवाला का जीवन हमें प्रेरित करता है।
- उन्होंने खेलों और सैन्य सेवा में उत्कृष्टता दिखाई।
- उन्हें कई महत्वपूर्ण पुरस्कार मिले हैं।
- युवाओं को प्रेरित करने के लिए उन्होंने कोचिंग शुरू की।
- उनकी उपलब्धियां भारतीय खेलों में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
नई दिल्ली, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। 18 जून 1958 को जन्मे होमी डैडी मोतीवाला भारतीय सेना के उन खिलाड़ियों में से हैं, जिन्होंने खेलों में देश का नाम ऊंचा किया।
बॉम्बे स्कॉटिश हाई स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी करने वाले होमी, नेशनल डिफेंस अकादमी के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने 1978 में इस अकादमी से स्नातक किया और 1 जुलाई 1979 को भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त किया।
होमी एक साहसी सैनिक के साथ-साथ एक उत्कृष्ट खिलाड़ी भी रहे हैं। नौकायन में उनकी सक्रियता ने न केवल उनका बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया। होमी भारतीय नौसेना में कमांडर थे, जिन्होंने उन्हें पूरा सहयोग दिया।
1983, 1984, 1986, 1987, 1990, 1991 में 'याचिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया' की राष्ट्रीय टीम चैंपियनशिप जीतने वाले होमी ने दो बार 'एशियन गेम्स' में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। उन्होंने 1993 में जिम्बाब्वे में 'वर्ल्ड एंटरप्राइजेज चैंपियनशिप' में गोल्ड जीता।
होमी डैडी मोतीवाला ने 1990 (बीजिंग) और 1994 (हिरोशिमा) में पीके गर्ग के साथ मिलकर देश का प्रतिनिधित्व किया और एंटरप्राइजेज वर्ग में कांस्य पदक जीता।
साल 1993 में होमी मोतीवाला को 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया, जबकि 1994-95 में उन्हें 'मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार' से नवाजा गया, जिसे उस समय 'राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार' के रूप में जाना जाता था।
नौसेना में कमांडर पद पर रहते हुए होमी मोतीवाला को 1993 में 'शौर्य चक्र' वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
नौकायन से संन्यास के बाद, होमी मोतीवाला ने युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए कोचिंग शुरू की। वे 1999 से 2008 तक भारतीय नौकायन संघ के चीफ नेशनल कोच रहे। 2002 में उनकी कोचिंग में भारतीय नौकायन टीम ने एशियन गेम्स में बेहतरीन प्रदर्शन किया और इसी साल उन्हें 'द्रोणाचार्य पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया।
होमी 2004 से 2008 तक इंडियन नेवी में कैप्टन के पद पर रहे। रिटायरमेंट के बाद, वे अब नौकायन सामग्री की आपूर्ति से जुड़ी एक कंपनी का संचालन करते हैं।