क्या टेनिस मठों में खेला जाने वाला भिक्षुओं का खेल है जिसने ओलंपिक तक बनाई पहचान?
सारांश
Key Takeaways
- टेनिस एक अद्भुत खेल है जो शारीरिक और मानसिक कौशल का संगम है।
- इस खेल की उत्पत्ति 11वीं शताब्दी में हुई थी।
- टेनिस को 1896 में ओलंपिक में शामिल किया गया था।
- भारत में टेनिस के भविष्य के लिए नई प्रतिभाओं का उभरना महत्वपूर्ण है।
- टेनिस में मिश्रित युगल इवेंट 2012 में जोड़ा गया था।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकप्रिय खेल 'टेनिस' शारीरिक कौशल, मानसिक संकल्प और रणनीति का एक अद्भुत संगम है। 'विंबलडन' और 'यूएस ओपन' जैसी ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिताओं के साथ-साथ, इस खेल ने 'कॉमनवेल्थ' और 'ओलंपिक' खेलों में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
11वीं शताब्दी में इस खेल को पहचान मिली थी। उस समय इसे फ्रांस में 'जेयू डे पॉम' के नाम से जाना जाता था। मठ के आंगन में इसे दीवारों और ढलान वाली छतों पर खेला जाता था। प्रारंभ में गेंद को मारने के लिए रैकेट का उपयोग नहीं होता था, बल्कि हाथ का उपयोग किया जाता था। 14-16 शताब्दी के बीच, पहले दस्तानों और फिर रैकेट का अविष्कार हुआ।
टेनिस का आधुनिक रूप 1873 में सामने आया, जिसे मेजर वाल्टर क्लॉप्टन विंगफील्ड ने पेश किया। उस समय इसे 'स्पैरिस्टिके' नाम से पेटेंट कराया गया था, जो आधुनिक 'लॉन टेनिस' का प्रारंभिक स्वरूप माना जाता है।
विंगफील्ड ने इस खेल को बगीचों और खुली जगहों में खेलने के लिए सुलभ बनाया, जिससे यह तेजी से लोकप्रिय हुआ। हालांकि, उस समय एक घंटे के खेल में नेट की ऊंचाई अधिक होती थी। 1877 में कुछ बदलाव करते हुए 'विंबलडन चैंपियनशिप' के लिए कोर्ट को आयताकार बनाया गया।
हालांकि टेनिस को 1896 के एथेंस ओलंपिक में शामिल किया गया था, विवाद के कारण इसे 1924 के बाद हटा दिया गया।
1968 में अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ ने 'ओपन एरा' की शुरुआत की, जिसमें शौकिया और पेशेवर खिलाड़ियों को एक साथ खेलने की अनुमति मिली।
1968 और 1984 में यह खेल प्रदर्शन खेल के रूप में ओलंपिक में लौटा और अंततः 1988 के सोल ओलंपिक में मेडल इवेंट के रूप में इसकी आधिकारिक वापसी हुई। 2012 में पहली बार ओलंपिक में इस खेल में मिश्रित युगल इवेंट जोड़ा गया।
टेनिस के खेल में सिंगल्स और डबल्स के लिए आयताकार कोर्ट होता है, जिसमें खिलाड़ी स्ट्रिंग वाले रैकेट से गेंद को हिट करके उसे नेट के ऊपर से दूसरी ओर भेजते हैं। गेंद एक बार में केवल एक बार उछल सकती है। उछाल के बाद उसे हिट करना अनिवार्य है।
एक गेम जीतने के लिए चार अंकों (15, 30, 40) की आवश्यकता होती है। यदि आप 40-30, 40-15 या 40-लव से आगे हैं और एक अंक और जीतते हैं, तो आप गेम जीत जाते हैं।
'ड्यूस' की स्थिति में लगातार दो अंक जीतने पर ही गेम अपने नाम किया जा सकता है। एक सेट जीतने के लिए 6 गेम जीतना और विपक्षी से 2 गेम आगे होना आवश्यक है। मैच में सामान्यतः 3 या 5 सेट होते हैं।
रोजर फेडरर, राफेल नडाल, सेरेना विलियम्स, नोवाक जोकोविच, कार्लोस अल्कराज, डेनियल मेदवेदेव, कोको गौफ जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के बीच, लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा, रोहन बोपन्ना, महेश भूपति, विजय अमृतराज और अख्तर अली जैसे भारतीय खिलाड़ियों ने भी अपना जलवा बिखेरा है।
हालांकि लिएंडर पेस ओलंपिक में मेडल जीतने वाले इकलौते भारतीय टेनिस खिलाड़ी हैं, लेकिन इस खेल में ओलंपिक पदक जीते बिना भी कई भारतीयों ने अपनी पहचान बनाई है।
टेनिस में भारत का भविष्य उज्ज्वल प्रतीत हो रहा है। जूनियर स्तर पर नई प्रतिभाएं उभर रही हैं। यदि बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं और अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध हों, तो भारत निश्चित रूप से जल्द ही विश्व स्तर पर बड़ी सफलताएं हासिल कर सकता है।