क्या बिहार के मां मुंडेश्वरी धाम परिसर का विकास कार्य शुरू हुआ?

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क्या बिहार के मां मुंडेश्वरी धाम परिसर का विकास कार्य शुरू हुआ?

सारांश

भभुआ, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के कैमूर जिले में स्थित मां मुंडेश्वरी धाम का विकास कार्य शुरू किया गया है। मंत्री सुनील कुमार ने इस जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास किया। जानें इस ऐतिहासिक स्थल के महत्व और विकास योजनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • मां मुंडेश्वरी धाम का जीर्णोद्धार बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास है।
  • विकास कार्य में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।
  • स्थानीय समुदाय को आर्थिक लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है।
  • सरकार बिहार को तेजी से विकास करने वाले राज्य के रूप में स्थापित करना चाहती है।
  • यह कार्य डबल इंजन सरकार की विकास दृष्टिकोण का हिस्सा है।

‎भभुआ, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के कैमूर जिले में स्थित ऐतिहासिक मां मुंडेश्वरी धाम परिसर का विकास कार्य शुरू किया गया है। बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री सुनील कुमार ने इस परिसर के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास किया।

‎इस जीर्णोद्धार के अंतर्गत मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, प्रवेश द्वार का निर्माण, कचरा प्रबंधन, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, पार्किंग और विश्राम स्थल का निर्माण किया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में विकास प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ऐसे कार्य किए जा रहे हैं जो आस्था और आधुनिकता को एक साथ लाते हैं। ‎

उन्होंने कहा कि मां मुंडेश्वरी मंदिर केवल आस्था का केंद्र नहीं है, बल्कि यह बिहार और पूरे भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इसे भारत का सबसे प्राचीन जीवित मंदिर माना जाता है, जिसकी स्थापना ईसा की दूसरी शताब्दी में हुई थी। मंदिर की अष्टकोणीय संरचना और दीवारों पर की गई नक्काशी इसे स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना बनाती है। इसके जीर्णोद्धार से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और क्षेत्र का धार्मिक पर्यटन भी बढ़ेगा।

‎मंत्री ने बताया कि इस योजना में श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पेयजल, ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन की व्यवस्था, पर्वतों और जंगलों में पौधरोपण, इको-टूरिज्म और ट्रैकिंग ट्रेल्स जैसी पहल शामिल हैं। इससे न केवल मंदिर का संरक्षण होगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। लोककला, हस्तशिल्प और पारंपरिक भोजन को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदाय को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है।

‎उन्होंने कहा कि सरकार इस धरोहर को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य में हो रहे व्यापक विकास कार्यों का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि बिहार अब तेजी से बदल रहा है। ‎2005 के पहले राज्य में विकास की स्थिति नगण्य थी, लेकिन आज सड़कों का जाल बिछ चुका है। बिहार की पहचान अब पिछड़े राज्य में नहीं, बल्कि तेजी से विकास करने वाले राज्य में है। डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता यही है कि विकास और आस्था साथ-साथ आगे बढ़ें।

Point of View

बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्य बिहार की तेजी से बदलती छवि को दर्शाता है, जिसमें आस्था और आधुनिकता का अद्भुत समागम देखने को मिलेगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

मां मुंडेश्वरी धाम का महत्व क्या है?
मां मुंडेश्वरी धाम भारत का सबसे प्राचीन जीवित मंदिर है, जो आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
जीर्णोद्धार कार्य में क्या शामिल है?
इस कार्य में मंदिर का सौंदर्यीकरण, प्रवेश द्वार का निर्माण, कचरा प्रबंधन, और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
इस विकास कार्य से स्थानीय लोगों को क्या लाभ होगा?
इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और क्षेत्र का धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा।
बिहार सरकार का विकास पर क्या दृष्टिकोण है?
बिहार सरकार का उद्देश्य विकास और आस्था के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देना है।
डबल इंजन सरकार क्या है?
डबल इंजन सरकार का अर्थ है केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर एक ही पार्टी का शासन, जो विकास को प्राथमिकता देती है।