क्या चुनाव से पहले भाजपा और जनसुराज के बीच आरोप-प्रत्यारोप हैं?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा और जन सुराज के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति है।
- प्रशांत किशोर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
- संजय जायसवाल ने नटवरलाल से बड़ा ठग बताया।
- चंदा
- राजनीतिक विवाद में जनता की भूमिका महत्वपूर्ण है।
पटना, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में भाजपा और जन सुराज के बीच भ्रष्टाचार को लेकर जुबानी जंग और तेज हो गई है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, संजय जायसवाल समेत कई नेताओं पर आरोप लगाए, जिसके बाद आज भाजपा के सांसद संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर पर जोरदार पलटवार किया।
भाजपा के सांसद संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर को नटवरलाल से भी बड़ा ठग बताया। उन्होंने कहा कि ठगी की दुनिया में बिहार की पहचान नटवरलाल से थी, किंतु पीके (प्रशांत किशोर) ठगी में बहुत आगे निकल चुके हैं। नटवरलाल ने सिर्फ सामान्य मनुष्यों को ठगा, जबकि पीके बिहार के बुद्धिजीवियों को ठगने का काम कर रहे हैं।
सांसद संजय जायसवाल ने फेसबुक पर लिखा, "प्रशांत किशोर ने यह तो बताया कि आंध्र प्रदेश के सांसद ने 14 करोड़ रुपए चंदा दिया, लेकिन यह चंदा घाटे में डूबी कंपनी से क्यों लिया गया? जन सुराज पार्टी की उत्पत्ति संदिग्ध है। मैं चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जन सुराज की ऑडिट रिपोर्ट जारी कर रहा हूं। पीके ने स्वीकार किया कि एक कंपनी से 14 करोड़ रुपए चंदा मिला है, फिर 2023-24 में चुनाव आयोग को जन सुराज पार्टी का खर्चा 35 हजार रुपए क्यों दिखाया है?"
उन्होंने आगे लिखा कि 2023-24 में जो 200 गाड़ियां चल रही थीं, उनमें फाइव स्टार टेंट और खाने की व्यवस्था थी। हर जिले में 10 से ज्यादा कर्मचारी थे, जिनका काम नेताओं को धमकाना था। सभी का खर्चा महज 35,000 रुपए? यह भी देखिए कि 17 सितंबर 2024 को जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष सरत कुमार मिश्रा थे, फिर 2 अक्टूबर 2024 को गांधी मैदान में जन सुराज पार्टी की स्थापना कैसे हुई? सरत कुमार मिश्रा महज 15 दिनों में कैसे हट गए और उदय सिंह जी कैसे अध्यक्ष बन गए?
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि प्रशांत किशोर ने खुद स्वीकार किया कि उन्हें 14 करोड़ रुपए सांसद अयोध्या रामी रेड्डी ने चंदा के रूप में पिछले कार्यों के लिए दिया था। तो फिर जन सुराज का चंदा केवल 2 करोड़ 42 लाख ही क्यों है और खर्च केवल 35,000 रुपए ही क्यों है? पीके ने जब 14 करोड़ चंदा लिया तो फिर इसे अपने निजी खाते में रखा या यह भी एक बड़ा घोटाला है?
उन्होंने कहा कि अयोध्या रामी रेड्डी, जो देश के सबसे अमीर सांसद हैं, उनके ऊपर वित्तीय घोटालों के केस की लंबी सूची है। उन्होंने आगे लिखा, "क्या ऐसा तो नहीं है कि वाईएसआर कांग्रेस आंध्र प्रदेश में साफ होने के बाद पीके पर दांव लगा रही है? वाईएसआर कांग्रेस को यह सोचना चाहिए कि अगर पीके उन्हें आंध्र प्रदेश में नहीं जीतवा सके तो वे खुद बिहार में क्या जीतेंगे?"