क्या लगन और मेहनत से किसान बन सकता है रोल मॉडल? विदेशी सब्जियों की खेती की कहानी

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क्या लगन और मेहनत से किसान बन सकता है रोल मॉडल? विदेशी सब्जियों की खेती की कहानी

सारांश

क्या आपकी मेहनत और लगन आपको रोल मॉडल बना सकती है? जम्मू-कश्मीर के रामबन ब्लॉक में एक किसान ने विदेशी सब्जियों की खेती कर ऐसा ही कर दिखाया है। आइए जानते हैं उनकी प्रेरणादायक कहानी और खेती के जरिए आय बढ़ाने के नए तरीके।

Key Takeaways

  • लगन और मेहनत से कोई भी व्यक्ति रोल मॉडल बन सकता है।
  • विदेशी प्रजातियों की सब्जियां उगाने से आय में सुधार हो सकता है।
  • कृषि से रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होते हैं।
  • स्थानीय स्तर पर सब्जियों की मांग को समझना आवश्यक है।
  • खेती को टिकाऊ रोजगार के रूप में अपनाना चाहिए।

रामबन, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के रामबन ब्लॉक के गांधारी क्षेत्र के एक किसान ने अपनी लगन और कड़ी मेहनत के चलते खेती में एक रोल मॉडल के रूप में पहचान बनाई है। जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय रामबन से लगभग 22 किलोमीटर दूर स्थित गांधारी गांव के रहने वाले अब्दुल मजीद रौन्याल ने कई प्रकार की सब्जियां उगाकर एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

अब्दुल मजीद रौन्याल पिछले 15 वर्षों से खेती कर रहे हैं और इस दौरान उन्होंने खेती के नए तरीकों को अपनाकर अपनी आय में काफी सुधार किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने पारंपरिक सब्जियों के साथ-साथ चीनी और अन्य उच्च पैदावार वाली किस्मों को भी सफलतापूर्वक उगाया है, जिनकी बाजार में अच्छी मांग है।

किसान ने कहा कि कृषि से जुड़े विभागों और जिला प्रशासन ने उन्हें पूरा सहयोग दिया है, जिसके लिए उन्होंने उनका धन्यवाद किया। उन्होंने यह भी कहा कि खेती न केवल पौष्टिक भोजन प्रदान करती है, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करती है। उन्होंने युवाओं और स्थानीय किसानों से खेती को एक टिकाऊ रोजगार के रूप में अपनाने की अपील की और कहा कि सही मार्गदर्शन और समर्थन से खेती आय का एक मजबूत साधन बन सकती है।

अब्दुल मजीद रौन्याल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि वह विदेशी प्रजातियों की सब्जियां उगाते हैं। उन्हें विभिन्न विभागों से समय-समय पर मदद मिलती रहती है। रामबन प्रशासन की ओर से भी सहायता मिलती है, जिससे उन्हें अच्छी कमाई का अवसर प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने कहा कि उन्हें इन सब्जियों को बेचने के लिए मंडियों में ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती, बल्कि स्थानीय स्तर पर ही इनकी अधिक मांग है और इसे कम लोग उगाते हैं। पिछले दो-तीन वर्षों से वे इन सब्जियों की खेती कर रहे हैं और इससे उन्हें अच्छी आय हो रही है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि सभी को इसकी शुरुआत करनी चाहिए और सब्जियां उगाने का प्रयास करना चाहिए। यदि आप बेचना नहीं चाहते हैं, तो कम से कम अपने लिए आवश्यक सब्जियां उगा सकते हैं।

Point of View

बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव का माध्यम भी हो सकती है।
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

किसान ने किस प्रकार की सब्जियां उगाई हैं?
किसान ने पारंपरिक सब्जियों के साथ-साथ विदेशी प्रजातियों की सब्जियां जैसे चीनी और अन्य उच्च पैदावार वाली किस्में उगाई हैं।
किसान को मदद किस प्रकार मिली है?
किसान को कृषि से जुड़े विभागों और जिला प्रशासन से समय-समय पर मदद मिलती है, जिससे उनकी खेती में सुधार हुआ है।
क्या स्थानीय स्तर पर इन सब्जियों की मांग है?
हां, किसान का कहना है कि उन्हें इन सब्जियों को मंडियों में ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि स्थानीय स्तर पर इनकी अधिक मांग है।
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