क्या भाजपा युवा भगत सिंह के बताए मार्ग पर चलने से रोकना चाहती है? : ऋतुराज झा

सारांश
Key Takeaways
- ऋतुराज झा का भाजपा पर गंभीर आरोप।
- भगत सिंह की जयंती का सम्मान।
- आप सरकार का भगत सिंह के विचारों को बढ़ावा देना।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता ऋतुराज झा ने भारतीय जनता पार्टी पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती को नजरअंदाज करने का गंभीर आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में आप सरकार के 10 साल के कार्यकाल में हर साल भगत सिंह की जयंती को पूरी गरिमा के साथ मनाया गया, जबकि भाजपा ने इस बार कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। भाजपा की भगत सिंह के प्रति नफरत साफ तौर पर प्रकट होती है। इतना ही नहीं, भाजपा ने उनके विचारों को दबाने का प्रयास किया।
ऋतुराज झा ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "कल शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती थी। आप सरकार ने दिल्ली में 10 साल तक इसे पूरे उत्साह के साथ मनाया। हमारे नेता अरविंद केजरीवाल जब भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते थे, वीडियो संदेश देते थे या कैबिनेट मीटिंग होती थी, उनके पीछे हमेशा भगत सिंह और बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीरें होती थीं। यह हमारी विचारधारा और देशभक्ति का प्रतीक था।"
उन्होंने दावा किया कि आप सरकार ने भगत सिंह के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने और उनके सपनों के भारत के निर्माण के लिए काम किया, जबकि भाजपा ने देश के महानायकों का अपमान किया।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "दिल्ली में भाजपा की डबल इंजन की सरकार है, लेकिन शहीद भगत सिंह की जयंती पर कोई कार्यक्रम नहीं किया गया। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का शेड्यूल देख लीजिए, पूरे दिन में भगत सिंह की जयंती से संबंधित कोई आयोजन नहीं था।"
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती कि भगत सिंह के क्रांतिकारी विचार युवाओं तक पहुँचें और उनके सपनों का समाज बने। भाजपा की यह नीति दर्शाती है कि वे भगत सिंह के विचारों से भयभीत हैं। वे नहीं चाहते कि युवा उनके दिखाए रास्ते पर चलें।
उन्होंने आगे कहा कि आप ने हमेशा भगत सिंह और अंबेडकर के विचारों को बढ़ावा दिया और दिल्ली में उनके विजन को लागू करने के लिए काम किया।
मैं दिल्ली की जनता से अपील करता हूँ कि वे भगत सिंह के बलिदान और उनके विचारों को याद रखें। हमारी पार्टी भगत सिंह के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम चाहते हैं कि देश का युवा उनके विचारों से प्रेरित हो और एक समतामूलक समाज का निर्माण हो।