क्या कांग्रेस ने 75 सालों में केवल बयानबाजी ही की है? : अरुण साव

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने 75 वर्षों में केवल बयानबाजी की है।
- जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भ्रम फैलाया जा रहा है।
- आरोपों के बावजूद, कांग्रेस ने कई विकास योजनाओं की शुरुआत की है।
- जातिगत जनगणना का महत्व राष्ट्रीय स्तर पर है।
- राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप आम हैं।
रायपुर/नई दिल्ली, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। जातिगत जनगणना के संदर्भ में जारी अधिसूचना पर कांग्रेस पार्टी लगातार सवाल उठा रही है। इस पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ने 75 वर्षों में बयानबाजी के अलावा कोई काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी देश के लोगों के बीच भ्रम फैला रही है।
अरुण साव ने कहा, "कांग्रेस ने पिछले 75 सालों में केवल बयानबाजी की है और कुछ नहीं किया। जाति जनगणना की अधिसूचना जारी होने के बाद भी वे अनावश्यक सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी देश में भ्रम फैला रही है, और यह बात देश की जनता बखूबी जानती है।"
साव ने कहा, "यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि किसने डॉ. अंबेडकर का अपमान किया, किसने उन्हें चुनाव में हराने की साजिश रची और किसने उन्हें भारत रत्न प्राप्त करने से रोका। कांग्रेस पार्टी को इस पर गलत सूचना फैलाना बंद करना चाहिए।"
वहीं, कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने जाति जनगणना के लिए जारी अधिसूचना पर सवाल उठाया। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "सरकार की तरफ से जारी गजट में जनगणना शब्द का उल्लेख है। अगर सरकार स्पष्ट है, तो उसकी प्रेस विज्ञप्तियों और गजट अधिसूचनाओं में अंतर क्यों है? जनगणना अभी लंबित है और जाति आधारित जनगणना को केवल कैबिनेट प्रस्ताव के रूप में आगे लाया गया है। राहुल गांधी ने लगातार हर मंच और सदन में जाति जनगणना के मुद्दे को उठाया है।"
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हमें पता है कि भाजपा-आरएसएस सरकार जाति आधारित जनगणना कराने का इरादा नहीं रखती है। जाति जनगणना का समय निर्धारित नहीं किया गया है और न ही इसके लिए बजट तय किया गया है। निश्चित तौर पर यह देश के पिछड़े, दलित और आदिवासी लोगों के साथ धोखा है।