क्या कार्तिक षष्ठी पर रवि योग का अद्भुत संयोग है? जानें पूजा विधि और इसके लाभ

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क्या कार्तिक षष्ठी पर रवि योग का अद्भुत संयोग है? जानें पूजा विधि और इसके लाभ

सारांश

क्या आप जानते हैं कि कार्तिक षष्ठी पर रवि योग का अद्भुत संयोग आपको कैसे लाभ पहुँचा सकता है? जानें विशेष पूजा विधि और इसके लाभ। यह दिन है आपके मनचाहे कार्य पूरे करने का।

Key Takeaways

  • रविवार का दिन विशेष पूजा और व्रत के लिए अनुकूल है।
  • रविवार को व्रत रखने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • अभिजीत मुहूर्त का विशेष महत्व है।
  • रवि योग का उपयोग व्यापार और शिक्षा में लाभ के लिए किया जा सकता है।
  • दान का विशेष महत्व है।

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर रविवार को रवि योग का अद्भुत संयोग उपस्थित हो रहा है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से मनचाहे कार्य सफल होते हैं।

द्रिक पंचांग के अनुसार, रविवार को सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा मिथुन राशि में रहेंगे। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

षष्ठी तिथि का समय 11 अक्टूबर शाम 4 बजकर 43 मिनट से प्रारंभ होकर 12 अक्टूबर दोपहर 2 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सप्तमी तिथि शुरू होगी। रविवार को कोई विशेष त्योहार नहीं है, लेकिन जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, वे व्रत रख सकते हैं।

अग्नि और स्कंद पुराण के अनुसार, रविवार का व्रत रखने से साधक को सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 12 रविवार तक इसका व्रत रखकर उद्यापन करें। इसे किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से आरंभ किया जा सकता है।

व्रत शुरू करने के लिए आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म स्नान आदि करें, मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें, उसके बाद एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, फिर व्रत कथा सुनें और सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा, रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने और सूर्य देव के मंत्र "ऊं सूर्याय नमः" या "ऊं घृणि सूर्याय नमः" का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। रविवार के दिन गुड़ और तांबे का दान करना भी महत्वपूर्ण है। इन उपायों से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि एवं सफलता मिलती है।

रवि योग को ज्योतिष में एक शुभ योग माना गया है। यह तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें और तेरहवें स्थान पर होता है। इस दिन निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय से संबंधित काम की शुरुआत करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

Point of View

कार्तिक मास की षष्ठी तिथि और रवि योग का महत्व अत्यधिक है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लोगों के जीवन में प्रगति और सफलता का भी प्रतीक है। हर व्यक्ति को इस दिन का लाभ उठाना चाहिए।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

रवि योग का महत्व क्या है?
रवि योग एक शुभ योग माना जाता है, जो विशेष कार्यों की शुरुआत के लिए अनुकूल है।
क्या रवि योग पर व्रत रखने से लाभ होता है?
हां, रवि योग पर व्रत रखने से सुख, समृद्धि और आरोग्य प्राप्त होता है।
पूजा विधि क्या है?
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर पूजा स्थल की सफाई करें, फिर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
कब से व्रत शुरू किया जा सकता है?
किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से व्रत शुरू किया जा सकता है।
रविवार को दान का क्या महत्व है?
रविवार को गुड़ और तांबे का दान करना विशेष लाभकारी माना जाता है।