क्या राजद में व्यक्तिगत तानाशाही का बोलबाला है? लालू प्रसाद यादव के अध्यक्ष बनने पर लोजपा सांसद ने उठाए सवाल

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क्या राजद में व्यक्तिगत तानाशाही का बोलबाला है? लालू प्रसाद यादव के अध्यक्ष बनने पर लोजपा सांसद ने उठाए सवाल

सारांश

लालू प्रसाद यादव एक बार फिर राजद के अध्यक्ष बने हैं। लोजपा सांसद अरुण भारती ने इसे व्यक्तिगत तानाशाही बताया है। क्या यह पार्टी के भीतर लोकतंत्र की कमी को दर्शाता है? जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और राजनीतिक परिदृश्य का ताजा हाल।

Key Takeaways

  • लालू प्रसाद यादव फिर से राजद के अध्यक्ष बने हैं।
  • लोजपा सांसद अरुण भारती ने तानाशाही का आरोप लगाया।
  • चुनाव आयोग का सत्यापन महत्वपूर्ण है।
  • राजद में आंतरिक लोकतंत्र का सवाल उठता है।
  • चिराग पासवान का विजन "बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" है।

पटना, 25 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कंधों पर आ गई है। लालू को सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। लालू के अध्यक्ष बनने पर लोजपा (रामविलास) सांसद अरुण भारती ने इसे व्यक्तिगत तानाशाही करार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट होता है कि इस पार्टी में सभी फैसले एक ही व्यक्ति द्वारा लिए जाते हैं और कोई दूसरा नामांकन दाखिल करने की भी हिम्मत नहीं करता है।

लोजपा (रामविलास) सांसद अरुण भारती ने बुधवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जिस तरह तेजस्वी यादव दावा करते हैं कि उनकी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है, लेकिन तानाशाही का इससे बेहतर उदाहरण और कुछ नहीं हो सकता। जब लालू प्रसाद ने नामांकन दाखिल किया था, तब किसी ने उनके खिलाफ प्रतीकात्मक नामांकन करने की भी हिम्मत नहीं की थी।

चुनाव आयोग की ओर से घर-घर जाकर सत्यापन करने के संबंध में अरुण भारती ने कहा कि यह निर्णय सही है। चुनाव आयोग के पास मतदाताओं, खासकर वैध मतदाताओं के सत्यापन का विशेष अधिकार है और यदि वे घर-घर जाकर सत्यापन करना चाहते हैं, तो यह कदम स्वागत योग्य है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर सत्ता में रहते हुए अच्छी चीजों का श्रेय लिया और बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान के साथ छेड़छाड़ की। सांसद ने जोर देकर कहा कि ऐसी गलतियों से सबक लेना जरूरी है।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की ओर से 29 जून 2025 को बिहार के राजगीर में आयोजित होने वाले "बहुजन भीम संकल्प समागम" के बारे में अरुण भारती ने कहा कि इस सभा का उद्देश्य पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय रामविलास पासवान के विचारों को आगे बढ़ाना है।

अरुण भारती के अनुसार, चिराग पासवान अपने पिता के उपदेशों को अपनाते हुए हर समाज और वर्ग के लोगों से जुड़ रहे हैं। इस समागम के जरिए चिराग पासवान का विजन "बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" को और मजबूत करना है।

Point of View

किसी नेतृत्व को तानाशाही कहने से पहले हमें आंतरिक लोकतंत्र की गहराइयों में झांकने की जरूरत है। क्या सही में पार्टी में लोकतंत्र की कमी है या यह केवल राजनीतिक बयानबाजी है?
NationPress
25/06/2025