क्या यूपी की महिलाएं 40 हजार नहीं, 4 लाख के लालच में भी सपा को वोट देंगी?: कपिल देव अग्रवाल
सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं की जागरूकता: यूपी की महिलाएं अब वादों के प्रति सजग हैं।
- सपा का वादा: 40 हजार का वादा महिलाओं के लिए अस्वीकार्य है।
- योगी सरकार का काम: महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान मिल रहा है।
- राहुल गांधी की आलोचना: उन्हें नेता प्रतिपक्ष के लिए सक्षम होना चाहिए।
लखनऊ, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीतिक बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर गरीब महिलाओं को हर वर्ष 40,000 रुपए दिए जाएंगे। इस पर उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने सपा पर तीखा पलटवार किया है।
कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी द्वारा महिलाओं को हर साल 40 हजार रुपए देने के वादे का अर्थ है कि अखिलेश यादव यह मानते हैं कि बिहार में महिलाओं का सम्मान ठीक है। यदि इसे केवल एक लॉलीपॉप मानते हैं, तो उत्तर प्रदेश की महिलाओं को यह क्यों दिया जाना चाहिए?
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की महिलाएं अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के बहकावे में आने वाली नहीं हैं। उन्होंने सपा सरकार में महिलाओं के साथ दुराचार और बलात्कार की घटनाएं देखी हैं, जिससे वे आंसू बहा चुकी हैं। 40 हजार नहीं, चार लाख के लालच में भी वे उन्हें वोट नहीं देंगी।
कपिल देव ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश में बेहतरीन तरीके से काम कर रही है और महिलाओं को भरपूर सुरक्षा एवं सम्मान मिल रहा है।
समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह के बयान पर कपिल देव ने कहा कि आईपी सिंह देर आए, पर दुरुस्त आए। उन्हें कांग्रेस और अखिलेश यादव को यह बताना चाहिए कि नेता प्रतिपक्ष बदलने की आवश्यकता है। नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी जिस तरह की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां कर रहे हैं, उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाता है।
उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद उन्हें गंभीरता से नहीं लेती। संसद में योग्य सांसदों की कमी नहीं है, इसलिए एक योग्य व्यक्ति को नेता प्रतिपक्ष होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि घुसपैठिए देश के वोटर नहीं हो सकते। देश का हर नागरिक, चाहे किसी भी धर्म का हो, उसे वोट देने का अधिकार है। घुसपैठियों के आधार पर टीएमसी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सरकार बनाने का सपना देख रही हैं, जो सच नहीं होगा। घुसपैठियों को देश में मतदान का अधिकार नहीं मिलना चाहिए।
अखिलेश यादव पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वे हास्यास्पद और कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। जिस ईवीएम पर सवाल उठाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं, उसी से उन्होंने और उनके सांसद-विधायक जीतकर आए हैं। सबसे पहले उन्हें अपने नेताओं के साथ इस्तीफा देना चाहिए और घोषणा करनी चाहिए कि अगर बैलेट पेपर से चुनाव नहीं होगा, तो वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे। इससे चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर दबाव बनेगा।