क्या पाकिस्तान में फ्लैश फ्लड ने 15 लोगों की जान ली?

सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान में फ्लैश फ्लड ने गंभीर स्थिति उत्पन्न की है।
- 15 लोग लापता हैं, जिसमें एक टीवी एंकर और उनके चार बच्चे शामिल हैं।
- स्थानीय लोग सरकार की अनदेखी से नाराज हैं।
- बाढ़ ने कई परिवारों को बेघर कर दिया है।
- बुनियादी सेवाओं की कमी से लोग परेशान हैं।
नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में रविवार को अचानक हाईवे पर पानी भर जाने से फ्लैश फ्लड का सामना करना पड़ा। इस आपदा में एक टीवी एंकर और उनके परिवार के सदस्यों सहित 15 लोगों के बह जाने की संभावना है। इस क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के चलते विस्थापित लोगों ने स्वच्छ पेयजल, बिजली, सड़क पहुंच और संचार सेवाओं की कमी की शिकायत की है।
बाढ़ से प्रभावित डायमर की बाबूसर और थोर घाटियों में बचे लोगों ने कहा कि वे हाल के दिनों की सबसे भयावह बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिसमें कई लोग बेघर हो गए और उनका सारा सामान बह गया। मीडिया हाउस डॉन के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि फ्लैश फ्लड के कारण बाबूसर हाईवे पर अचानक पानी बढ़ गया और इसमें 10 से 15 पर्यटक बह गए। अब तक सात शव बरामद किए जा चुके हैं।
पर्यटकों में एक निजी चैनल की टीवी एंकर, उनके पति और उनके चार बच्चे भी शामिल हैं।
गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार के प्रवक्ता फैजुल्लाह फारक ने बताया कि एक पश्तो भाषा के टीवी चैनल की एंकर के परिवार ने अधिकारियों से संपर्क कर बताया है कि वह, उनके पति और उनके चार बच्चे लापता हैं।
फारक ने बताया कि उन्हें एंकर का एक बटुआ मिला है। वहीं, चिलास के मीनार इलाके में सिंधु नदी से एक अज्ञात महिला का शव बरामद हुआ है। माना जा रहा है कि यह महिला उन पर्यटकों में शामिल है जो बाबूसर हाईवे पर आई बाढ़ में बह गए थे।
उन्होंने कहा, "खोजी कुत्तों और ड्रोन की मदद से बाकी लापता लोगों की तलाश जारी है।"
उन्होंने मीडिया को बताया कि भारी मशीनरी का उपयोग करके मरम्मत कार्य जारी है, 15 स्थानों पर सड़क अवरुद्ध है, और उनमें से 13 स्थानों पर आंशिक रूप से मार्ग साफ कर दिया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सोमवार तक राजमार्ग आंशिक रूप से यातायात के लिए फिर से खोल दिया जाएगा।
गिलगित क्षेत्र में, दान्योर नाले से आई अचानक बाढ़ के कारण मुख्य आपूर्ति पाइपलाइन और कई सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त होने के बाद, दान्योर और सुल्तानाबाद इलाकों के हजारों निवासी लगातार तीन दिनों तक पीने के पानी के बिना रहे।
वहीं आम लोग सरकार की अनदेखी से भी खासा नाराज हैं। गिलगित के पूर्व मंत्री मुहम्मद इकबाल के नेतृत्व में क्षेत्र के बुजुर्गों ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार बार-बार आश्वासन के बावजूद बाधित जल आपूर्ति बहाल करने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि हालांकि निवासियों ने पाइपलाइन को अस्थायी रूप से बहाल करने में कामयाबी हासिल की थी, लेकिन बाद में आई बाढ़ ने इसे फिर से नष्ट कर दिया। उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि अभी तक कोई मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया गया है और सरकार को कार्रवाई के लिए एक दिन का अल्टीमेटम दिया है, अन्यथा वे विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।
इस बीच, घांचे जिले के कोंडस और हल्दी के निवासियों ने भी राहत सामग्री, बिजली, पेयजल और सड़क मार्ग की कमी की शिकायत की।
कोंडस में हुए विनाशकारी भूस्खलन में 50 से ज्यादा घर बह गए, जिससे कई परिवार बेघर हो गए और उन्हें भोजन, आश्रय, चिकित्सा देखभाल, और आपातकालीन सेवाओं की तत्काल आवश्यकता है। स्थानीय लोगों ने इंटरनेट की अनुपलब्धता पर भी दुख जताया, जिससे बातचीत करना या मदद के लिए फ़ोन करना और भी मुश्किल हो गया।
जुटल और गिलगित-बाल्टिस्तान के अन्य बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों ने भी बुनियादी सुविधाओं की कमी की शिकायत की और सरकार की धीमी प्रतिक्रिया और समय पर राहत पहुंचाने में विफलता की आलोचना की।