क्या जन सुराज की बिहार सुधारने की जिद को पूरा किए बिना प्रदेश छोड़ने वाले नहीं : प्रशांत किशोर?
सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर ने बिहार छोड़ने का इरादा स्पष्ट किया है।
- उन्होंने चुनाव में हार के प्रतिक्रिया दी है।
- 20 नवंबर को मौन उपवास का ऐलान किया है।
- महिलाओं के लिए स्वरोजगार के वादे किए गए हैं।
- जन सुराज की जिद को पूरा करने का संकल्प लिया है।
पटना, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर मंगलवार को पहली बार मीडिया के सामने आए और स्पष्ट कर दिया कि वे बिहार छोड़ने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अब सलाह नहीं संघर्ष करने का समय आ गया है।
पटना में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम लोगों ने अपनी बात ठीक ढंग से जनता को नहीं बताई, जिस कारण शायद जनता ने वोट नहीं दिया। खुद पर इसकी जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने कहा कि वे जिस विश्वास की उम्मीद कर रहे थे, वह विश्वास नहीं जीत पाए।
उन्होंने कहा कि यह आत्मचिंतन का समय है। उन्होंने एनडीए को जीत के लिए बधाई देते हुए कहा कि अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि जिन बातों को लेकर वे सत्ता में आए हैं, उस पर वह काम करें।
उन्होंने कहा कि जिन बातों को लेकर वह जनता के बीच पहुंचे थे और उन्हें एक सपना दिखाया था, उसे वे पूरा नहीं कर सके। इसके प्रायश्चित के तौर पर वे 20 नवंबर को भितिहरवा आश्रम में एक दिन का मौन सामूहिक उपवास रखेंगे।
उन्होंने कहा कि गलती हम लोगों से हुई होगी, लेकिन गुनाह नहीं किया है। वोट नहीं मिलना गुनाह नहीं है। आज झटका लगा है लेकिन उन गलतियों को सुधार कर हम लोग फिर से खड़े होंगे। जन सुराज की बिहार सुधारने की जो जिद है, वह पूरे किए बिना छोड़ने वाले नहीं हैं। पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव के समय सरकार ने करीब 40 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया है और वही एक कारण है कि जनता को इतना बड़ा बहुमत मिला है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि 10 हजार रुपये के लिए वोट नहीं बेचा।
बिहार के प्रत्येक विधानसभा में 60 से 62 हजार महिलाओं को स्वरोजगार के लिए पहली किस्त के तौर पर 10 हजार रुपये दिए गए। आने वाले छह महीने में इन्हें दो लाख रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि सरकार अगले छह महीने में इन महिलाओं को दो लाख रुपये दे, जिससे बिहार में पलायन रुक सके। जिन महिलाओं को यह दो लाख रुपये की राशि नहीं मिलती है, वह जन सुराज से संपर्क करें और वे उनकी मदद करेंगे।