क्या पुणे ब्रिज हादसे में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बचाव अभियान तेज करने का निर्देश दिया?

सारांश
Key Takeaways
- पुल का ढहना एक गंभीर घटना है।
- सीएम ने बचाव अभियान तेज करने का निर्देश दिया।
- घायलों की संख्या ३२ है।
- एनडीआरएफ मौके पर मौजूद है।
- लोगों की सुरक्षित बरामदगी की कोशिश की जा रही है।
नागपुर, १५ जून (राष्ट्र प्रेस)। पुणे के इंद्रायणी नदी पर बना पुल ढहने के बाद कई लोगों के बह जाने की आशंका जताई जा रही है। लोगों की जान बचाने के लिए घटनास्थल पर तेजी से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद कुछ लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जबकि दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, कुछ लोग अब भी फंसे हुए हैं।
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "पुणे जिले के तलेगांव के पास इंदौरी में इंद्रायणी नदी पर बने पुल के ढहने से हुई त्रासदी की खबर से मुझे गहरा दुख हुआ। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई है। मैं उन्हें अपनी गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हम उनके परिवारों के दुख में सहभागी हैं। इस घटना के संबंध में मैं संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और संबंधित तहसीलदार के संपर्क में हूं। चूंकि कुछ लोग बह गए हैं, इसलिए युद्ध स्तर पर खोज अभियान चलाया जा रहा है। मौके पर एनडीआरएफ को तैनात किया गया है। राहत कार्य में तुरंत तेजी लाई गई है। अब तक छह लोगों को बचाया गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "सभी एजेंसियों को अलर्ट मोड में रहने का आदेश दिया गया है। ३२ लोग घायल हुए हैं, जिनमें से छह की हालत गंभीर है। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। संभागीय आयुक्त खुद घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।"
सीएम फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैंने मावल तालुका में हुई घटना के संबंध में संभागीय आयुक्त और पुलिस कमिश्नर से बात की है। कुछ लोगों को बचा लिया गया है और कुछ अभी भी फंसे हुए हैं। संभावना है कि कुछ लोग बह गए हों, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। बचाव अभियान जारी है और सभी एजेंसियां घटनास्थल पर मौजूद हैं।"
वहीं, टीएमसी नेता दिलीप घोष ने पुणे ब्रिज हादसे पर दुख जताते हुए कहा, "पुणे में जो हादसा हुआ है, वह अत्यंत दुखद है। सबसे पहले राहत-बचाव कार्य में तेजी लानी चाहिए, क्योंकि अभी भी कुछ लोग लापता हैं। हालांकि, मैं भाजपा से यही कहूंगा कि ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जब कोलकाता में पोस्ता पुल गिरा था, तब पीएम मोदी ने इसे 'एक्ट ऑफ फ्रॉड' बताया था। अहमदाबाद विमान दुर्घटना और पुणे पुल गिरने जैसी कई घटनाएं हो रही हैं, क्या प्रधानमंत्री अब भी इसे एक्ट ऑफ फ्रॉड कहेंगे? मैं यही कहूंगा कि राहत बचाव कार्य में तेजी लानी चाहिए।"
टीएमसी सांसद और महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी इस हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पुणे के पास इंद्रायणी नदी पर पुल के ढहने की दुखद घटना से मैं बहुत व्यथित हूं। कई पर्यटकों के डूबने की आशंका है, यह खबर दिल दहला देने वाली है। दुख की इस घड़ी में मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि वे बचाव कार्य में तेजी लाएं और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करें। लापता लोगों की सुरक्षित बरामदगी और इस अकल्पनीय क्षति को सहन करने वाले परिवारों को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।"